ई दिल्ली: बैंक से लोन लेने वाले जिन भी ग्राहकों ने मोरेटोरियम की सुविधा का फायदा लिया है उन ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने ब्याज पर ब्याज माफ करने का फैसला लिया है। फिलहाल ऐसा अनुमान है कि इस कदम से सरकार के ऊपर करीब 5000-6000 करोड़ रुपए को बोढ बढ़ जाएगा।
हालांकि, सूत्र बता रहे हैं कि केंद्र सरकार अभी इसकी घोषणा नहीं करेगी, क्योंकि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. आइए आपको इस मामले के बारे में डिटेल में बताते हैं कि आखिरा लोन मोरेटेरियम क्या है और सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर क्या मामला चल रहा है
कोरोना की महामारी से लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा था। इससे राहत देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लोन पर मोरेटोरियम देने का फैसला किया था। इसमें ग्राहकों की इच्छा पर था कि वे अपनी ईएमआई का भुगतान करें या न करें। मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो चुकी है। बैंकों के ब्याज पर ब्याज वसूलने के कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। देश की सबसे बड़ी अदालत में 2 नवंबर 2020 को इस मामले पर अगली सुनवाई होने वाली है।