नई दिल्ली। चीन से चल रहे तनाव के बीच भारत सरकार ने तीनों सेनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये तक हथियार खरीदने की छूट दे दी है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया, तीनों सेना के वाइस चीफ को आवश्यक हथियारों की फास्ट ट्रैक प्रोसिजर के तहत हथियार उपकरण खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
दरअसल, पूर्वी लद्दाख में चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। ऐसे में चीनी सेना की आक्रामकता और वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर बड़ी संख्या में अपने सैनिकों की तैनाती के बाद सरकार की ओर से आपात स्थिति में हाथियारों की खरीद की शक्ति को सेना को देने की जरूरत महसूस की गई थी। इसी के मद्देनजर उक्त फैसला लिया गया है।
सरकार ने सेनाओं को यह अधिकार पहली बार नहीं दिए हैं। इससे पहले उड़ी हमले के बाद भी सशस्त्र बलों को इसी तरह की वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई थीं। उस वक्त वायुसेना ने बालाकोर्ट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था। सरकार की ओर से सेनाओं को यह छूट शॉर्ट नोटिस पर खुद को तैयार रखने के लिहाज से दी गई है। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय वायु सेना ने सरकार की ओर से दी गई ऐसी छूट का सर्वाधिक लाभ उठाया था।
वायुसेना ने तब बड़ी संख्या में घातक हथियार खरीदे हैं। इन हथियारों में हवा से जमीन पर मार करने वाली और हवा से हवा में मार करने वाली स्टैंड ऑफ स्पाइस-2000 (Spice-2000) और स्ट्रम अटाका मिसाइलें शामिल हैं। वहीं सेना ने इजरायल की स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें हासिल की हैं। सेना ने अमेरिका से बड़ी मात्रा में गोला बारूद की खरीद भी की है।