नई दिल्ली: कोरोना महामारी न केवल जिंदगियों से खेल रही है, बल्कि मजदूर से रोजगार भी छीन लिया है। मजदूर वर्ग आज सरकार की मदद पर निर्भर रह गया है। मजदूर दिवस पर तोहफा देते हुए प्रदेश प्रशासन ने सभी श्रमिकों को अप्रैल के लिए दो हजार रुपये आर्थिक मदद देने का फैसला लिया है। यह राशि श्रम विभाग से पंजीकृत श्रमिकों के बैंक खाते में दो किश्तों में जमा की जाएगी। पहली किश्त मिलने के एक सप्ताह बाद दूसरी भी उनके खाते में जमा होगी।
लॉकडाउन शुरू होने के बाद प्रदेश सरकार ने श्रम विभाग से पंजीकृत एक लाख 60 हजार श्रमिकों के खाते में एक हजार रुपये की राशि डाली है, जो 16.5 करोड़ रुपये बनती है। हालांकि विभाग ने केवल सक्रिय पंजीकृत श्रमिकों के बैंक खाते में ही पैसा डाला था, जबकि विभाग के पास तीन लाख पचास हजार के करीब श्रमिक पंजीकृत हैं।
अप्रैल में दी जाने वाली किश्त में विभाग ने पंजीकरण को अनिवार्य नहीं रखा है, जिन श्रमिकों का बैंक अकाउंड सक्रिय होगा, या उनका पंजीकरण सक्रिय नहीं हुआ हो उन्हें भी सहायता मिलेगी। मार्च की मिली एक हजार रुपये की मदद से प्रदेश के एक लाख 41 हजार श्रमिक वंचित रह गए थे। मार्च में श्रम विभाग ने 1,43,866 बोर्ड और अन्य निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपये की सहायता दी थी।
सक्रिय पंजीकरण नहीं बस बैंक खाते एक्टिव होना चाहिए
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पनपे हालात के कारण सरकार ने इंटरनेट सेवा बंद की थी। इससे हजारों श्रमिक अपना पंजीकरण रिन्यू नहीं करवा पाए थे। वहीं कुछ श्रमिकों ने पंजीकरण रिन्यू फार्म श्रम विभाग के कार्यालय में जमा भी करवाये थे, लेकिन समय रहते उनका पंजीकरण रिन्यू नहीं किया। श्रम विभाग ने अब श्रमिकों को सिर्फ अपना बैंक खाता सक्रिय रखने को कहा, ताकि उनके खाते में डाला पैसा वापिस नहीं आए।
लॉकडाउन बढ़ने के बाद विभाग अब श्रमिकों को दो हजार रुपये की मदद करेगा। यह पैसा दो किश्तों में श्रमिक के खाते में डाला जाएगा। इस बार सभी श्रमिकों के खाते में पैसा डाला जाएगा, बस उनका बैंक अकाउंट सक्रिय होना चाहिए। श्रमिकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भी पांच सौ रुपये की मदद मिली है। मजदूर दिवस तभी सफल होगा जब श्रमिक जागरूक होकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएंगे।