नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी आर्थिक सुधार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कलेक्शन उम्मीद से कम होने से केंद्र सरकार चिंतिंत है। GST काउंसिल (GST Council Meeting) की अगली बैठक में बड़े फैसले हो सकते हैं।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कमाई बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार (Government of India) ने जीएसटी से मुक्त वस्तुओं और सेवाओं (GST Rate List) पर भी टैक्स लगाने का संकेत दिया है।
खत्म होगी कई प्रोडक्ट की छूट
जीएसटी छूट से कई प्रोडक्ट को निकाला जा सकता है। इस पर फैसला 15 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगी।
गौरतलब है कि करीब 3 महीने से जीएसटी का मुआवजा न मिलने पर पांच राज्यों ने हाल में केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि यह बकाया तत्काल दिया जाए। पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, राजस्थान और दिल्ली के वित्त मंत्री ने एक संयुक्त बयान जारी कर हाल में कहा था कि यह मुआवजा न मिलने से राज्य वित्तीय रूप से भारी दबाव में हैं और केंद्र सरकार ने इसकी कोई वजह भी नहीं बताई है।
3 महीने बाद नवंबर में पहली बार जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ हुआ- वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि नवंबर महीने में जीएसटी वसूली बढ़कर 1,03,492 करोड़ रुपये हो गई है। यह अक्टूबर महीने के मुकाबले 8 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है।
अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 95,380 करोड़ रुपये रहा था। वित्त मंत्रालय के अनुसार नवंबर में 19,592 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 27,144 करोड़ रुपये एसजीएसटी, 49,028 करोड़ रुपये आईजीएसटी (आयात से प्राप्त 20,948 करोड़ रुपये भी शामिल) प्राप्त हुआ है।
इस अवधि में सरकार को सेस से 7727 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं जिसमें 869 करोड़ रुपये आयात से मिले हैं। नवंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन का एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचना सरकार के लिए राहत की बात मानी जा रही है।
कई तरह की कटौतियों के बावजूद लगातार तीन महीने से जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से नीचे ही चल रहा था। अगस्त में यह 98,202 करोड़ रुपये, अक्टूबर में 95,380 करोड़ रुपये और सितंबर में 91,916 करोड़ रुपये रहा था।