लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अक्सर मिड-डे मील को लेकर कोई न कोई खबर आती रहती है। आये दिन भोजन में तरह तरह की खामिया सामने आती हैं। हाल ही में मिर्जापुर के एक स्कूल में बच्चों को नमक रोटी देने का मामला सामने आया था जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार पर भी निशाना साधा था। वहीं अब एकबार फिर मिड-डे मील को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल सोनभद्र के एक प्राथमिक स्कूल में एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर 80 बच्चों कों बांट दिया गया जिसके बाद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला किया है।
दिखावटी भाजपा सरकार
मिलावटी पोषण-आहार! pic.twitter.com/jZkbT380kj— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) 29 November 2019
मामला सोनभद्र के चोपन ब्लॉक के सलईबनवा प्राथमिक स्कूल का है। जहां बुधवार को एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाया गया और उसे 80 बच्चों में बांटा गया। मामले का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो इस मामले में 1 शिक्षामित्र को बर्खास्त कर दिया गया और 1 टीचर को भी निलंबित कर दिया गया है। जब रसोईया से इसके बारे में पूछा गया तो उसने कहा उसे एक ही लीटर दूध दिया गया था और सभी बच्चों को बांटने को कहा गया था। इसलिए उसमे पानी मिलाया और सभी को बांट दिया।
सोशली मीडिया पर मामला आते ही एबीएसए मुकेश कुमार जांच करने पंहचे थे। उन्होने बताया कि ये अध्यापकों की गलती से हुआ है। हालांकि अध्यापकों ने अपनी भूल पर सुधार करते हुए बच्चो को दोबारा दूध बांटा था। लेकिन इस गलती के लिए विभाग सख्त कार्रवाई कर रहा है। उन्होने बताया कि शिक्षामित्र बर्खास्त कर दिया गया है जबकि प्राथमिक टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं अब इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भी भेजी गई है।
मामला उछला तो विपक्ष ने भी घेरना शुरू कर दिया। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘दिखावटी भाजपा सरकार,मिलावटी पोषण-आहार!’ वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि मिड-डे मील में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी यूपी को बताया था। आज सोनभद्र की ये घटना इसकी तस्दीक कर रही है। सीएम लाख दावे कर लें, लेकिन सरकार नहीं संभल रही है पूरा अमला भ्रष्टाचार में डूबा है और सीएम मूकदर्शक हैं।