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हरिद्वार महाकुंभ : आखिरी शाही स्नान के बाद लगेगा लॉकडाउन, कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण देश में स्थिति आउट आफ कंट्रोल हो चुकी है। ऐसे में अब कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन भी लगाया जाने लगा है। वहीं उत्तराखंड में भी कोरोना के मामलों में तेजी वृद्धी होती देखी जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों को एक कारण हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ मेले को भी माना गया था, कई बार इसे बंद करवाने की मांग भी उठी। लेकिन अब आज 27 अप्रैल को कुंभ में आखिरी शाही स्नान हो रहा है।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण देश में स्थिति आउट आफ कंट्रोल हो चुकी है। ऐसे में अब कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन भी लगाया जाने लगा है। वहीं उत्तराखंड में भी कोरोना के मामलों में तेजी वृद्धी होती देखी जा रही है। कोरोना के बढ़ते मामलों को एक कारण हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ मेले को भी माना गया था, कई बार इसे बंद करवाने की मांग भी उठी। लेकिन अब आज 27 अप्रैल को कुंभ में आखिरी शाही स्नान हो रहा है।

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अब कुंभ से अंतिम शाही स्नान पहले ही मंत्रिमंडल ने सोमवार को एक बैठक की, जिसमें कोरोना के बढ़ते मामलों सहित लॉकडाउन पर भी चर्चा की गई। इस कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले भी लिए गए हैं। इस दौरान कहा गया कि जो लोग बिना मास्क के देखे गए उन पर 500-1000 रुपये तक चालान किया जाएगा। इसके अलावा खबर है कि शाही स्नान के बाद हरिद्वार में लॉकडाउन लगाने का भी फैसला किया गया है।

वैक्सीन के लिए 450 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी

दूसरी ओर कुंभ मेले के तहत तैयार किए 2 अस्पतालों को अगले 3 महीने तक विस्तारित करने का फैसला किया है। इस बैठक में मंत्रिमंडल ने मई में होने वाले मुफ्त कोरोना वैक्सीन अभियान को महत्वपूर्ण बताया है। इस कार्य के लिए 450 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी भी दे दी है।

100 संतों को सिर्फ मिली थी शाही स्नान की अनुमति

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इस बार कोरोना महामारी के कुंभ की अवधि को घटाया गया है। आज के इस अंतिम शाही स्नान में प्रतिकात्मक तौर पर शारीरिक दूरी बनाते हुए केवल 100 साधु-संतों को ही इस स्नान में शामिल होने की अनुमति है। अखाड़ों के संतों का कहना है कि शाही स्नान के लिए 100 संत ही जाएंगे। सभी की तैयारियां पूरी हैं और इस दौरान कोरोना के नियमों का भी सख्ती से पालन होगा।

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