चंडीगढ़। हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी की सरकार बने महज दो महीने ही हुए हैं, इसी बीच जेजेपी के विधायक ने पार्टी से बगावत कर दी। ऐसे में विधायक की बगावत दुष्यंत चौटाला के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है। आपको बता दें कि जेजेपी के विधायक रामकुमार गौतम ने जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, इस बार रामकुमार बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु को हराकर विधायक बने हैं।
रामकुमार हरियाणा की नारनौंद सीट से विधायक बने हैं। उन्होने दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी क्षेत्रीय है और उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दे रखा है। 9 विधायकों के समर्थन से चौटाला उपमुख्यमंत्री बने हैं लेकिन उन्होने 11 विभाग अपने पास रख लिये। उनका कहना है कि अन्य विधायकों की अनदेखी की वजह से विधायकों में काफी नाराजगी है। इस दौरान उन्होने कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘मत पूछो बहुत जख्म कर रखे हैं इसने.’
विधायक रामकुमार ने दुष्यंत चौटाला पर कैप्टन अभिमन्यु से सेंटिंग करने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वह जेजेपी में इसलिए शामिल हुए थे कि शायद दुष्यंत चौधरी देवीलाल के रास्ते पर चलेंगे, लेकिन यह सम्भव न हो सका। उन्हे मंत्री न बनने का कोई दुख नही है, उन्हे दुख इस बात का है कि गुरुग्राम के एक मॉल में मिलकर दुष्यंत और कैप्टन आपस में समझौता कर गए। अगर समझौता करना था तो चुनाव के पहले करते। दुष्यंत चौटाला को अभी पार्टी बनाए हुए महज एक साल ही हुआ है, ऐसे में अगर पार्टी के संस्थापक ही पार्टी पर सवाल खड़े करने लगें तो जेजेपी के लिए आगे की राह बहुत कठिन होने वाली है।