हाथरस। हाथरस केस को लेकर पूरे देश में विपक्ष हंगामा कर रहा है। हाथरस केस की पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने की मांग करने में जुटा है। यूपी सरकार ने पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी, जिसकी जांच अब पूरी हो चुकी है। एसआईटी की जांच इस केस से कई पर्दे उठाएगा। वहीं, अब मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध भी हटा दिया गया है। बता दें कि, हाथरस केस की पीड़िता की मृत्यू के बाद उसके गांव में मीडिया, राजनेता और बाहरी लोगों के प्रवेश पर जाने की पूरी तरह से रोक लगी हुई थी।
उस समय प्रशासन ने कहा था कि एसआईटी जांच की जा रही है। इस वजह से गांव में किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि केवल मीडिया के प्रवेश की अनुमति दी गई है क्योंकि एसआईटी की जांच पूरी हो गई है। उन्होंने उन आरोपों का भी खंडन किया कि प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हिरासत में लिया था और उनके फोन जब्त कर लिए थे।
बता दें कि, पूरे मामले की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन किया था, जिसे 14 अक्तूबर तक अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया था। हाथरस प्रशासन ने गुरुवार को सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी। बता दें कि बिटिया की मौत मामले में तीसरे दिन भी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने गहनता से जांच की थी।
एसआईटी ने गांव में जाकर कई घंटे पीड़ित परिवार से फिर बातचीत की और अधिकारियों से भी जानकारी ली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होने के बाद एसआईटी ने अलग बिंदुओं पर जांच की। जांच के दौरान पूरा गांव सील कर दिया गया। किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी।