नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार (Mamata Banerjee) के बाद कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ने भी सीबीआई को राज्य में छापा मारने या जांच करने के लिए दी गई ‘सामान्य रजामंदी’ वापस ले ली।
छत्तीसगढ़ सरकार ने यह कदम कल ही सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा के हटाने के बाद उठाया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने सीबीआइ प्रमुख को हटा दिया है। इससे पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा सीबीआइ निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने को गलत ठहराया था।
अधिकारियों ने एक आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय से सीबीआई को राज्य में कोई भी नया मामला दर्ज नहीं करने का निर्देश देने की मांग करते हुए उन्हें पत्र लिखा है। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ सरकार ने सीबीआई को सामान्य सहमति दी थी।
पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश सरकारों ने अपने यहां जांच करने और छापा मारने के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति पिछले साल वापस ले ली थी। दिल्ली में कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सामान्य सहमति वापस लेने का पहले से सीबीआई जांच वाले मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।