रामपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे और रामपुर की स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी है। अब्दुल्ला आजम की उम्र से जुड़े विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाया है। जस्टिस एसपी केसरवानी की बेंच ने आज़म खान के विधायक बेटे अब्दुला आजम का निर्वाचन रद्द करते हुए कहा कि चुनाव के समय अब्दुल्ला आजम 25 साल के नहीं थे। इसके बाद अब्दुल्ला आजम की विधायकी जाना तय माना जा रहा है। अदालत ने इस मामले में 27 सितम्बर को सुनवाई पूरी होने के बाद अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था।
अब्दुल्ला आजम की उम्र के विवाद को लेकर उनके खिलाफ चुनाव याचिका साल 2017 में बीएसपी के नेता नबाव काजिम अली ने दाखिल की थी। अपनी अर्जी में उन्होंने कहा था कि 2017 के चुनाव के समय अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम निर्धारित 25 साल की उम्र के नहीं थे। चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने फर्जी डाक्यूमेंट्स दाखिल किये थे और झूठा हलफनामा दाखिल किया था। अपने दावों के समर्थन में नवाब काजिम अली ने अब्दुल्ला आजम के कई डाक्यूमेंट्स लगाए हुए हैं। चुनाव अर्जी में अब्दुल्ला आजम की दसवीं क्लास की मार्कशीट और पासपोर्ट समेत कई दूसरे अहम डाक्यूमेंट्स में दर्ज जन्मतिथि को आधार बनाया गया है। तकरीबन 3 साल बाद आज कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया।
नवाब काजिम अली की चुनाव अर्जी में अब्दुल्ला आजम को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य बताते हुए उनका निर्वाचन रद्द किये जाने और रामपुर की स्वार सीट पर नये सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की गई थी। इस मामले में अब्दुल्ला आजम की तरफ से कोर्ट में यह दलील दी गई थी कि प्राइमरी में दाखिले के समय टीचर ने अंदाज से डेट ऑफ बर्थ डाल दी थी। वह जब एमटेक करने लगे तो उन्होंने दसवीं क्लास की जन्मतिथि में बदलाव के लिए आवेदन कर दिया। इसके अलावा पासपोर्ट में दर्ज जन्मतिथि में पहले ही संशोधन करा लिया है। अब्दुल्ला आजम की तरफ से लखनऊ के क्वींस हॉस्पिटल से जारी डेट ऑफ बर्थ का सर्टिफिकेट भी लगाया गया, जबकि काजिम अली के डाक्यूमेंट्स में दावा किया गया कि अब्दुल्ला का जन्म रामपुर में ही हुआ था। अदालत में सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला की मां और विधायक तंजीम फातिमा समेत करीब दर्जन भर लोगों की गवाही हुई है।