हैदराबाद। तेलंगाना हाईकोर्ट ने पुलिस एनकाउंटर में मारे गए पशु चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के चारों आरोपियों का दोबारा पोस्टमॉर्टम करने का आदेश दिया है। चारों आरोपियों ने पिछले माह 27 नवंबर की रात शमशाबाद इलाके में दरिंदगी के बाद पशु चिकित्सक को जलाकर मार डाला था। इसके बाद साइबराबाद पुलिस आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर 6 दिसंबर घटनास्थल पर लेकर गई थी। इसी दौरान आरोपियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीनकर उन पर हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने चारों आरोपियों को मार गिराया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर की जांच के लिए आयोग गठित कर शव सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था।
चारों आरोपी मोहम्मद आरिफ, जोलू शिवा, जोलू नवीन और चिंताकुंटा चेन्नाकेशवुलु के एनकाउंटर के बाद तेलंगाना हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया था। एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट बेंच के सामने पेश होकर कहा था कि आरोपियों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी की जाएगी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि वीडियो की सीडी या पेनड्राइव को महबूबनगर के मुख्य जिला जज को दिया जाए। इसे बाद में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को दिया जाएगा।
एनकाउंटर के बाद 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर, जांच और कार्रवाई की मांग को लेकर याचिका दायर की गई। 12 दिसंबर को मामले की सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच के लिए पूर्व जज वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग गठित किया, जो 6 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपेगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि लोगों को एनकाउंटर की सच्चाई जानने का हक है। हमारे अगले आदेश तक कोई अदालत या अथॉरिटी इस मामले में जांच नहीं करेगी। अदालत ने अगले आदेश तक मारे गए आरोपियों के शव सुरक्षित रखने का आदेश दिया था।
इसके साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम 7 दिसंबर को एनकाउंटर की जांच के लिए हैदराबाद पहुंची थी। एनएचआरसी की दो सदस्यीय टीम ने शादनगर के चटनपल्ली में एनकाउंटर स्थल पहुंचकर ऑन स्पॉट इन्वेस्टिगेशन किया था। घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के बयान लिए गए थे और सरकारी अस्पताल से मारे गए आरोपियों की ऑटोप्सी का ब्यौरा इकठ्ठा किया था।
तेलंगाना पुलिस का पक्ष
एनकाउंटर के बाद तेलंगाना के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने बताया था कि क्राइम सीन री-क्रिएशन के दौरान आरोपियों ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस के द्वारा आत्मरक्षा में की गई फायरिंग में चारों आरोपी मारे गए। यह एनकाउंटर उसी जगह हुआ था, जहां आरोपियों ने डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की थी।