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मणिपुर चुनाव जीतने के लिए हिमंत बिस्वा और राम माधव ने उग्रवादी संगठन से ली थी मदद, उग्रवादी नेता के पत्र से खुलासा

By संतोष सिंह 
Updated Date

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है। अब हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma)के ऊपर आरोप लगा है कि उन्होंने मणिपुर चुनाव (Manipur Elections)जीतने के लिए उग्रवादियों की मदद ली। एक पत्र में यह दावा किया गया है कि चुनाव से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma)  ने भाजपा के दिग्गज नेता राम माधव (Ram Madhav) के साथ मिलकर उग्रवादियों के साथ एक गुप्त बैठक की थी। इस बैठक में भाजपा और उग्रवादियों के बीच एक समझौता हुआ था।

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जिसमें यह बात यह हुई थी उग्रवादी संगठन (Extremist Organization) व भाजपा (BJP) को चुनाव जीतने में मदद करेंगे। मणिपुर में एक उग्रवादी समूह के नेता के 2019 में लिखे एक पत्र के माध्यम से यह बात सामने आयी है। पत्र यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष एसएस हाओकिप (SS Haokip, President of the United Kuki Liberation Front) ने लिखा है। अब यह पत्र कोर्ट में पेश किये गये उनके हलफनामा का हिस्सा है।

माना जा रहा है कि यह पत्र केंद्रीय गृह मंत्री को 2019 में लिखा गया था। उग्रवादी समूह के नेता ने पत्र में कहा है कि एन बीरेन सिंह 2017 में कुकी उग्रवादियों की मदद से मणिपुर के भाजपा मुख्यमंत्री बने। मणिपुर में कुकी उग्रवादी समूह के नेता ने 2019 में गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) को एक पत्र में इस घटना के बारे में सूचित किया था। विस्फोटक पत्र (Explosive Letter) यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष एसएस हाओकिप (SS Haokip, President of the United Kuki Liberation Front) द्वारा अदालत में दायर एक हलफनामे से जुड़ा है। बता दें कि एसएस हाओकिप को एनआईए ने 2018 में गिरफ्तार किया था।

पत्र में यह दावा किया गया है कि मैंने मणिपुर में भाजपा सरकार (BJP Government) बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारे समर्थन के बिना भाजपा के लिए मणिपुर में सरकार बनाना असंभव था। हाल के लोकसभा चुनावों में भी, भाजपा (BJP) ने हमारे क्षेत्र में 80-90 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं।

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