भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा सोमवार को असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में सोमवार को दिन में 12 बजे राज्यपाल जगदीश मुखी ने हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री सरमा के अलावा अन्य मंत्री भी शपथ ले रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।
असम। भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा सोमवार को असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में सोमवार को दिन में 12 बजे राज्यपाल जगदीश मुखी ने हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री सरमा के अलावा अन्य मंत्री भी शपथ ले रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।
हालांकि हिमंत सरमा के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना पर नियंत्रण पाना है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से पैर पसार रहे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री सरमा को इसे नियंत्रित करना होगा। हिमंत बिस्व सरमा मझे हुए राजनेता हैं, सरमा की पकड़ प्रदेश से लेकर दिल्ली तक है। भाजपा से पहले वह कांग्रेस में भी काफी सक्रिय रहे हैं।
बता दें कि शपथ ग्रहण से पहले हिमंत बिस्व सरमा ने भगवती का आशीर्वाद लिया। सरमा ने कामाख्या मंदिर और डोल गोविंद मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की। इससे पहले विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने सरमा का नाम आगे बढ़ाया, जिस पर सभी विधायकों ने सहमति जताई। उसके बाद सरमा ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया।
बता दें कि राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पा रही थी। सोनोवाल से ज्यादा सरमा की दावेदारी ज्यादा मानी जा रही थी। पार्टी हाईकमान ने चुनाव प्रचार में सरमा पर ज्यादा भरोसा जताया था। इसी सिलसिले में भाजपा नेतृत्व ने दोनों नेताओं को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शनिवार को दिल्ली बुलाया था। रविवार को गुवाहाटी में विधायक दल की बैठक में सरमा के नाम पर मुहर लगा दी गई। ऐसी संभावना है कि सोनोवाल को केंद्र सरकार में स्थान मिलेगा।
पांचवीं बार विधायक बने सरमा
विधायक दल के नेता के रूप में सरमा का नाम पेश करने वाले सोनोवाल ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा मेरे लिये छोटे भाई के समान हैं। मैं उन्हें इस नई यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं। वहीं, सरमा ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती सर्वानंद सोनोवाल ‘मार्गदर्शक’ बने रहेंगे। सरमा ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सोनोवाल और अन्य पार्टी नेताओं के आभारी हैं, जिन्होंने राज्य के लोगों की सेवा करने का उन्हें मौका दिया। सरमा लगातार पांचवीं बार जलुकबाड़ी सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं।
असम में राजग को 75 सीटें मिली
असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। भाजपा को 60 सीटें मिली हैं जबकि उसके गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) व यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को क्रमश: नौ और छह सीटें मिली हैं।