ग्रह मंडल में ग्रहों की चाल बदलने का प्रभाव जीव जगत पर पड़ता है। कुछ ग्रह शांत प्रकृति के होते है तो कुछ ग्रह उग्र प्रकृति के होते है। रंगों का त्योहार होली आने वाली है।
Holashtak 2022 : ग्रह मंडल में ग्रहों की चाल बदलने का प्रभाव जीव जगत पर पड़ता है। कुछ ग्रह शांत प्रकृति के होते है तो कुछ ग्रह उग्र प्रकृति के होते है। रंगों का त्योहार होली आने वाली है। होली के पहले होलाष्टक लग जाता है।वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष होली का पर्व 18 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं इस बार होलाष्टक 10 मार्च से प्रारंभ होगा। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक 8 ग्रह क्रमश: उग्र रहते हैं। इन ग्रहों में सूर्य, चंद्रमा, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु शामिल हैं। इन ग्रहों के उग्र रहने से मांगलिक कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस वजह से मांगलिक कार्य नहीं करते हैं।
होलाष्टक के दौरान दान करने का फल प्राप्त होता है। इस दौरान मनुष्य को अधिक से अधिक भागवत भजन और वैदिक कर्मकांड, यज्ञ करना चाहिए, जिससे सभी कष्टों से मुक्ति मिल सके। आइए जानते हैं कि होलाष्टक में किन-किन कार्यों को नहीं करना चाहिए। इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है।
1. होलाष्टक के दिनों में नए मकान, वाहन, प्लॉट या दूसरे प्रॉपर्टी की खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है।
2. होलाष्टक के समय में कोई भी यज्ञ, हवन आदि कार्यक्रम नहीं करना चाहिए । उसे होली बाद या उससे पहले कर सकते हैं।
3. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के समय में नौकरी परिवर्तन से बचना चाहिए। नई जॉब ज्वाइन करनी है, तो उसे होलाष्टक के पहले या बाद में करें।