रंग बिरंगे अबीर गुलाल उड़ाने का त्योहार होली है। भारत में इसे भाईचारे के पैगाम के रूप में सदियों से मनाया जाता है।
Holi 2022 Date : रंग बिरंगे अबीर गुलाल उड़ाने का त्योहार होली है। भारत में इसे भाईचारे के पैगाम के रूप में सदियों से मनाया जाता है। गा कर, नाच कर ,एक दूसरे को रंग लगा कर होली खेली जाती है। हर आयु वर्ग के लोगों के बीच में यह त्योहार इतना लोकप्रिय है कि वे इसका इंतजार करते है। महिलाएं होली त्यौहार में होली मिलन को ध्यान में रख कर महीनों पहले इस की तैयारी शुरू कर देती है।
घर में महिलाओं के लिए पापड़, चिप्स, कई तरह की नमकीन और बनाने के बाद फिर अंत में गुझिया बनाने का नंबर आता है। भारत के ग्रामीण इलाकों में फागुन लगते रात में होली गाने वालों की मंडली चौपालों पर बैठने लगती है। ज्यादातर जगहों पर होली दो दिन मनाई जाती है। होली के पहले दिन को होलिका दहन (Holi 2022 Date) होता है। होलिका दहन 17 मार्च को होगा। इस दिन होलिका की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं दूसरे दिन पूरे जोश-उत्साह के साथ रंग-अबीर वाली होली मनाई जाती है।
होलिका दहन पूजा सामग्री
एक लोटा जल, गाय के गोबर से बनी माला, अक्षत, गन्ध, पुष्प, माला, रोली, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, गेंहू की बालियां। होलिका दहन के समय लोग होलिका के चक्कर लगाते हैं। जिसके बाद बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता है। लोग होलिका की परिक्रमा करते हैं और अलाव में नई फसल चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को होलिका प्रसाद के रूप में खाया जाता है।