लखनऊ। होमगार्डों की फर्जी तैनाती दिखाकर वेतन निकालने वाले अधिकारियों ने सुबूत नष्ट करने के लिए ही आग लगाई थी। इस मामले में आरोप में पांच आरोपियों की गिरफ़्तारी की गई है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि सुनियोजित तरीके से सुबूतों को नष्ट करने के लिए आग लगाई गई। इस मामले में गुजरात की फॉरेंसिक टीम बुधवार को जांच के लिए नोएडा के सूरजपुर होमगार्ड कमान्डेंट ऑफिस पहुंच रही है।
डीजीपी ने बताया कि होमगार्ड मस्टररोल घोटाले में बड़ी कार्रवाई की गई है। 24 घंटे में तत्कालीन कमांडेंट होमगार्ड राज नारायण चौरसिया, एडीसी सतीश, प्लाटून कमांडर शैलेन्द्र, मोंटू और सतवीर की गिरफ़्तारी की गई है। मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद 24 घंटे के भीतर पांच गिरफ़्तारी की गई है। सुबूत का आने वाले समय में और भी गिरफ़्तारी हो सकती है।
बता दें होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर करोड़ों का वेतन भुगतान करने के मामले में घोटालेबाजों ने सोमवार को सुबूत मिटाने के लिए होमगार्ड कमांडेंट के दफ्तर में ही आग लगा दी। इसमें घोटाले से जुड़े सभी अहम दस्तावेज जलकर ख़ाक हो गए। बता दें कि सात दिन पहले ही यह घोटाला सामने आया था, जिसके बाद मामले में जांच के आदेश दिए गए थे।
एसएसपी वैभव कृष्णा ने बताया कि सूरजपुर स्थित होमगार्ड कमांडेंट के दफ्तर में ब्लॉक ऑर्गेनाइजर कमरे का ताला तोड़कर वर्ष 2014 तक के दस्तावेज में आग लगाई गई। इस आगजनी में अधिकांश दस्तावेज जल गए। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने मुख्य दीवार फांदकर दफ्तर में प्रवेश किया। इसके बाद बीओजी दफ्तर का ताला तोड़कर आलमारी में रखे हाजिरी रजिस्टर, मस्टर रोल और वेतन संबंधित दस्तावेजों में आग लगा दी। आग लगने की जानकारी मंगलवार को एक स्वीपर द्वारा दी गई।
एक हफ्ते पहले जनपद गौतमबुद्ध नगर में होमगार्डों की फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने का मामला सामने आया था। इसके बाद इस मामले में शासन स्तर की एक समिति ने जांच शुरू कर दी है। मामले में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपनी खुद की जांच के बाद होमगार्ड विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखने की संस्तुति की थी, लेकिन शासन ने अपने स्तर से भी जांच कराने का निर्णय लिया। अब इस मामले की जांच चार सदस्यीय टीम कर रही है।