लखनऊ: चंद्रमा और राहु दोनों ग्रहण योग बनाकर वृषभ राशि में बैठै हैं। ऐसा होगा कि कुछ दिन तक चंद्रमा उच्च के नहीं रहेंगे। यह विडम्बना है। चंद्रमा के उच्च का जो घर है उसमें राहु पहले से विद्यमान हैं जो लगभग डेढ़ वर्ष तक रहेंगे। इसका अर्थ यह है कि अगले डेढ़ वर्ष तक चंद्रमा उच्च के नहीं होंगे। वह जब भी वृषभ राशि में आएंगे, राहु के साथ संयोग करके ग्रहण योग बनाएंगे। यह एक बहुत ही नकारात्मक योग होगा जो महीने में एक बार बनेगा।
शुक्र सिंह राशि में हैं। सूर्य कन्या राशि में हैं। बुध तुला राशि में हैं। केतु वृश्चिक राशि में हैं। गुरु धनु राशि में हैं। शनि मकर राशि में हैं। मंगल वक्री होकर मीन राशि में चल रहे हैं। ग्रहण योग बनने से जनमानस की मानसिक स्थिति थोड़ी दबाव में रहेगी। एक निराशा का बना रहेगा, जो सब पर लागू है
स्वास्थ्य, कुटुम्ब, धन, वाणी के लिए अच्छा समय नहीं है। वाणी से खराब भाषा का प्रयोग करेंगे। कुटुम्बीजनों से उलझेंगे। धन फंसने का योग बन रहा है। बचकर पार करें। प्रेम ठीक रहेगा। मन थोड़ा खराब रहेगा। काली वस्तुओं का दान करें।
पार्टनरशिप में समस्या आ सकती है। सिरदर्द, नेत्र विकार और खर्च से परेशान हो सकते हैं। स्वास्थ्य और प्रेम सही चलता रहेगा। राहु मंत्र का जाप करें।
रुका धन वापस मिलेगा। भ्रामक समाचार की प्राप्ति होगी। यात्रा में कठिनाई होगी। स्वास्थ्य खराब दिख रहा है। प्रेम,व्यावसाय सब मध्यम है। बचकर पार करने की जरूरत है। काली वस्तुओं का दान करें।
पैतृक सम्पत्ति में परेशानी, कोर्ट-कचहरी में परेशानी,सीने में विकार की आशंका है। बाकी ठीक है। प्रेम की स्थिति सही है। सही समय पर सही निर्णय ले लेंगे। मध्यम समय यह कहा जाएगा। सूर्यदेव को जल देते रहें। भगवान शिव का दर्शन करें।
भाग्यवश कुछ हो सकता है। या तो पूजा में बहुत व्यस्त रहेंगे या पूजा से दूर रहेंगे। सामान्य स्थिति नहीं रहेगी। सम्मान पर ठेस न पहुंचे इसका ध्यान रखें। स्वास्थ्य ठीक ठाक है। प्रेम अच्छा है। व्यापार भी ठीक चलेगा। पीली वस्तुओं का दान करें। राहु मंत्र का जाप करें।
चोट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। थोड़ा बचकर पार करें। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम अच्छा है। व्यापारिक दृष्टिकोण से ठीक चलते रहेंगे। भगवान शिव का दर्शन करें। उनकी अराधना करें।