नई दिल्ली। अमेरिका ने चीन की दिग्गज फोन निर्माता कंपनी हुआवे और उसकी सीएफओ मेंग वानझोऊ पर धोखाधड़ी करने का केस किया है। इसके अलावा बैंकिंग गड़बड़ी, न्याय में रुकावट डालने जैसे भी आरोप अमेरिका की ओर से लगाए गए हैं। इस मामले में अमेरिका ने कंपनी, शीर्ष अधिकारी पर कुल 23 मामले दर्ज किए हैं।
बता दें कि हुआवे की सीएफओ मेंग वानझोऊ को ईरान पर कथित रूप से प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी अनुरोध पर पिछले महीने कनाडा में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले ने चीन, कनाडा और अमेरिका के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया है। हालांकि हुआवे और उसकी सीएफओ मेंग वानझोऊ दोनों ने अमेरिका के इन आरोपों से इनकार किया है।
अमेरिका का आरोप है कि चीन की कंपनी ईरान प्रतिबंधों का लगातार उल्लंघन कर रही है। हालांकि, हुआवेई की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया गया है। हालांकि, अमेरिका की ओर से इन आरोपों के बाद कंपनी पर दबाव जरूर है। कंपनी पर जो केस दर्ज किया गया है उसमें कहा गया है कि हुआवेई ने टी-मोबाइल को कुछ डेवलेप सॉफ्टवेयर, ट्रबलशूट की नकल की है।
आपको बता दें कि कंपनी की चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मेंग वानझू पर भी इस मामले में तलवार लटकी हुई है। मेंग कंपनी के संस्थापक रेन झेंगफेई की बेटी हैं। मेंग को पिछले महीने ही ईरान पर लगी पाबंदियों का पालन ना करने के आरोप में कनाडा में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उन्हें जमानत मिल गई थी। मंगलवार को ही उनकी पेशी सुप्रीम कोर्ट में होनी है।
बताया जा रहा है कि उनपर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। हुआवेई से जुड़े विवाद का ही विषय है कि चीन, अमेरिका और कनाडा के रिश्ते इस समय उफान पर हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मेंग को अमेरिका के कहने पर ही कनाडा में गिरफ्तार किया गया था।