नई दिल्ली। हैदराबाद एनकाउंटर केस का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो गई है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है और हम इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप पुलिस वालों के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल चलाते हैं तो हम कोई आदेश नहीं जारी करेंगे।
चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने तेलंगाना पुलिस से पूछा कि क्या आरोपी हिस्ट्रीशीटर थे। इस पर तेलंगाना पुलिस की ओर से दलील रख रहे वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि नहीं वो लॉरी चालक और क्लिनर थे। उनकी तरफ से कहा गया कि जब आरोपियों को इलाके की पहचान के लिए ले जाने की कोशिश की गई तो थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। सैकड़ों की सख्या में मौजूद लोग प्रदर्शन कर रहे थे।
इसलिए हम उन्हें रात में घटना स्थल पर ले गए। आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगाई गयी थी। उन्होंने पुलिस कर्मियों की पिस्तौल छीन ली। पुलिस पर पत्थर फेंके। इसके बाद चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने पूछा कि चारों आरोपियों ने पुलिस वालों पर पहले हमला किया था? उन्होंने पुलिस वालों से जो पिस्तौल छीनी थी, उससे उनपर फायर किया था?
इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जी हां, उन्होंने फायर किया, लेकिन गोली पुलिस वालों को लगी नही। मुकुल रोहतगी ने PUCL मामले में सुप्रीम कोर्ट एक फैसले को पढ़ना शुरू किया, जिसमें कोर्ट ने एनकाउंटर को लेकर गाइड लाइन बनाई थी। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस एनकाउंटर के जांच के पक्ष में हैं। हम चाहते हैं कि इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच हो।