नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के बीच गठबंधन सरकार बनने के बाद से ही कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के अपनी पीड़ा उजागर करने के बाद अब उनके पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी अपना मुंह खोला है। लेकिन, वे देवगौड़ा बहुत दुखी है देवगौड़ा ने कहा कि गठबंधन सरकार चलाने का यह कौन सा तरीका है, जहां हर रोज अपने पार्टनर से यह अनुरोध करना पड़ता है कि वे कोई असंसदीय टिप्पणी न करें।
जेडीएस प्रमुख ने कहा- “पिछले छह महीने के दौरान कई सारी बातें हुई हैं, लेकिन अब तक हमने मुंह नहीं खोला। लेकिन, अब शांत नहीं बैठूंगा।’
गौरतलब है कि इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता कुमास्वामी (Kumarswamy) ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को अपने विधायकों को कंट्रोल करना चाहिए। जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री से पूछा गया कि कांग्रेस विधायक सिद्धारमैया को अपना नेता कहते हैं, तो उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को कांग्रेस नेताओं को देखना चाहिए। मैं इसके लिए सही व्यक्ति नहीं हूं। ‘
इससे पहले बुधवार को कुमारस्वामी ने कहा था कि अगर कांग्रेस के नेता उनपर ऐसे ही आरोप लगाते रहेंगे तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। कुमारस्वामी ने कहा था, ‘अगर कांग्रेस के नेता फिर से इस तरह के बयान देंगे तो मैं कितने दिन तक यह सब बर्दाश्त करता रहूंगा।’ उन्होंने कहा कि सत्ता अल्पकालिक है और जो स्थायी है वह है पार्टी के कार्यकर्ता और राज्य की साढ़े छह करोड़ जनता।
जानिए, क्या है कर्नाटक विधानसभा में दलों का गणित
बता दें कि 224 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 विधायक हैं। एक बीएसपी विधायक और दो निर्दलीय भी गठबंधन का हिस्सा हैं लेकिन उन्होंने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। वहीं, बीजेपी के पास 104 विधायक हैं। जेडीएस-कांग्रेस सरकार गिराने के लिए बीजेपी के लिए आवश्यक है कि कम से कम 11 विधायक इस्तीफा दें, जिससे विधानसभा में विधायकों की संख्या नीचे चली जाएगी और बीजेपी अपना दावा पेश कर सकेगी।