जनसंख्या बढ़ेगी तो संसाधन को भी पहले बढ़ाना होगा। अगर बिना संसाधन बढ़ाए जनसंख्या बढ़ेगी तो ये बोझ बन जाएगा। उन्होंने कहा, यदि इसका सही इस्तेमाल हो तो यह साधन भी है। एसेट्स भी है। किसी भी देश में 57 करोड़ युवाओं की संख्या नहीं है।
मुंबई। दशहरा पर्व पर नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के मुख्यालय में शस्त्र पूजा की गई। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने दुनिया के उदाहरण पेश करते हुए जनसंख्या असंतुलन के मुद्दे को उठाया है। साथ ही महिला सशक्तिकरण समेत कई मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने जनसंख्या नियंत्रण के साथ—साथ धार्मिक आधार पर जनसंख्या संतुलन जरूरी है।
इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। साथ ही कहा कि जनसंख्या बढ़ेगी तो संसाधन को भी पहले बढ़ाना होगा। अगर बिना संसाधन बढ़ाए जनसंख्या बढ़ेगी तो ये बोझ बन जाएगा। उन्होंने कहा, यदि इसका सही इस्तेमाल हो तो यह साधन भी है। एसेट्स भी है। किसी भी देश में 57 करोड़ युवाओं की संख्या नहीं है।
हमारा पड़ोसी देश चीन बुजुर्ग हो चला है। लेकिन हमें विचार को समझना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनसंख्या अंतुलन के चलते भौगोलिक सीमाओं में भी बदलाव होता है। इस दौरान उन्होंने असंतुलन के कारण भी गिनाए। उन्होंने कहा, जन्मदर में अंतर के अलावा जबरन, लुभाकर या लालच से धर्मांतरण और घुसपैठ भी इसके बड़े कारण हैं।