लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के कलेक्टर ने पानी की बर्बादी को लेकर अपने कर्मचारियों और खुद पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। कलेक्टर ऑफिस में पानी की टंकी ओवरफ्लो हो रही थी, जिसके बाद उन्होंने यह कार्रवाई की। यूपी में यह पहला मामला है जब किसी डीएम ने खुद पर भी जुर्माना लगाया हो।
गाजियाबाद जिलाधिकारी के निजी सहायक गौरव सिंह ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडे ने कलेक्ट्रेट भवन के एक ओवरहेड टैंक से पानी निकलने पर खुद पर और अन्य स्टाफ सदस्यों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
गाजियाबाद के डीएम ने कहा कि
पांडे ने सभी अधिकारियों और कलेक्ट्रेट कर्मचारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में पानी की बर्बादी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि जल संरक्षण देश की प्रमुख आवश्यकता है।
पांडे के निजी सहायक सिंह के अनुसार जब जिलाधिकारी अपने कार्यालय पहुँचे, तो उन्होंने रिटायरिंग रूम के पीछे से पानी के गिरने की आवाज़ सुनी। ओवरहेड टैंक से पानी बहने के लिए पूरे स्टाफ को ‘दोषी’ ठहराया गया था। सिंह ने कहा कि यह जुर्माना सभी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा साझा किया जाएगा और कोषागार में जमा किया जाएगा।
कहां खर्च होगी रकम
पानी की बर्बादी का आकलन कर डीएम ने 10 हजार रुपये का जुर्माना कलक्ट्रेट में बैठने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर रोपित किया। कलक्ट्रेट के मुखिया होने के नाते जुर्माने की इस सूची में उन्होंने सबसे पहले अपना नाम लिखा। उन्होंने जुर्माने के रूप में आरोपित की गई 10 हजार की रकम नजारत में जमा करा दी।