नई दिल्ली। माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 31 जनवरी को पड़ रही है जिसे षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2019) भी कहते हैं। कहा जाता है कि षटतिला एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। षटतिला एकादशी के दिन काले तिल का दान करना काफी शुभ माना जाता है। जाने क्या है व्रत का शुभ मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में…
षटतिला एकादशी व्रत का समय
- 30 जनवरी 2019 को शाम 3:30 बजे से एकादशी तिथि प्रारम्भ
- 31 जनवरी 2019 को शाम 5 बजकर 1 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त
- व्रत तोड़ने का समय- सुबह 6 बजकर 55 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट
- पारण तिथि के समय द्वादशी खत्म का समय 18 बजकर 59 मिनट
षटतिला एकादशी का मतलब
षटतिला एकादशी के दिन 6 तरह से तिल का प्रयोग बताया गया है और इसिलिए इसका नाम षटतिला एकादशी हैं। मान्यता है कि इस दिन तिलों का सभी 6 तरह से इस्तेमाल करने पर व्यक्ति के पाप दूर होते हैं।
ऐसे करें तिल को 6 अलग-अलग तरह से इस्तेमाल
तिल स्नान
तिल उबटन
तिलोदक
तिल हवन
तिल भोजन
तिल दान
षटतिला एकादशी का महत्व
- मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के पाप धुलते हैं यानी उसकी शारीरिक शुद्धि होती है, साथ ही आयोग्यता प्राप्त होती है।
- विष्णु जी को भैतिक सुखों का कारक माना जाते हैं इसलिए इस दिन विधिवत पूजा और व्रत करने से घर, वाहन आदि का सुख मिलता।
- तिल, अन्न आदि दान करने से धन वृद्धि होती है। साथ यह भी पता चलता है कि प्रणी जो और जैसा दान करता है, शरीर को त्यागने के बाद वैसे ही मिलता है, इसलिए धार्मिक कार्यों के साथ दान भी करना चाहिए।
- शास्त्रों में भी बताया गया है कि कोई भी धार्मिक कार्य बिना दान के कभी सम्पन्न नहीं माना जाता है।