हरदोई: उत्तर प्रदेश के हरदोई में सरकारी महकमे की बड़ी संवेनहीनता सामने आयी जब डॉक्टरों ने एक गर्भवती महिला की नसबंदी कर दी। वहीं जब महिला ने जांच कराई तब इस मामले का खुलासा हुआ। महिला के पति ने इस मामले मेंं सीएम से शिकायत की है और मुआवजे की मांग भी की है।
यह मामला हरदोई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जब मामले का खुलासा हुआ तो सीएमओ से लेकर स्वास्थ्य महकमे ने अपना पल्ला झाड़ लिया। हरदोई के सीएमओ डॉ सुरेंद्र कुमार रावत ने कहा कि महिला की जो शिकायत है, उस पर पूरी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि जब भी नसबंदी की जाती है तो पहले जांच करवाई जाती है।
हरदोई के सीएमओ डॉ सुरेंद्र कुमार रावत ने बताया कि मामला कछौना ब्लाक के एक गांव की महिला का है। उसकी 23 दिसंबर को नसबंदी हुई थी। महिला का कहना है कि वह पहले से गर्भवती थी और इसके बावजूद उसकी नसबंदी कर दी गई। सीएमओ का दावा है कि जब भी ऐसा कोई मामला आता है तो पहले की हिस्ट्री मांगी जाती है। अगर जांच में प्रेगनेंसी निकलती है तो नसबंदी नहीं की जाती है।