पंजाब। 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सैनिकों ने जनरल डायर के आदेश पर मशीनगन से निहत्थे लोगों को गोलियों से भून डाला था। इस घटना में बड़ी संख्या में सिखों के साथ-साथ हिंदू, मुस्लिम और ईसाई भी मारे गए थे। जिसके चलते इंग्लैंड के ईसाई धर्मगुरु आर्क बिशप जस्टिन वेल्बी मंगलवार को पंजाब में जलियांवाला बाग मेमोरियल पहुंचे। जहां उन्होंने 1919 में जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के लिए दुखी और शर्मिंदगी जताते हुए ईश्वर से मांफी मांगते हुए जस्टिन वेल्बी जमीन पर दंडवत मुद्रा में लेट गए।
बता दें कि इस मौके पर आर्कबिशप वेल्बी ने नरसंहार में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, ‘मैं ब्रिटिश सरकार के लिए तो कुछ नहीं कह सकता। ना ही मैं सरकार का प्रवक्ता हूं लेकिन मैं ईश्वर के नाम पर बोल सकता हूं। यह पाप और मुक्ति का स्थान है। आपने याद रखा है कि उन्होंने क्या किया और उनकी यादें जिंदा रहेंगी। यहां हुए अपराध और उसके प्रभाव को लेकर मैं बहुत दुखी और शर्मिंदा हूं। धार्मिक नेता होने के चलते मैं इसपर शोक व्यक्त करता हूं।’
इसके अलावा आर्कबिशप वेल्बी ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, “मुझे आज अमृतसर में हुए भीषण जलियांवाला बाग नरसंहार के स्थल पर जाकर शोक, विनम्रता और गहरा शर्म का एहसास हुआ है। 1919 में यहां बड़ी संख्या में सिखों के साथ-साथ हिंदू, मुस्लिम और ईसाई भी मारे गए।” कैंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन पोर्टल वेल्बी ने मंगलवार को जलियांवाला बाग की यात्रा के दौरान यहां हुए नुकसान, क्रोध व यातना के लिए दुख जताया और प्रार्थना की। जलियांवाला बाग ब्रिटिश काल में हुए नरसंहार की याद दिलाता है।
100 years after the #JallianwalaBaghMassacre, as British people we can't avoid this shameful part of our colonial legacy.
Today is a day for reflection, lament and prayer for healing between faith communities around the world. #Amritsar #JallianwalaBagh pic.twitter.com/vbVKIQlvUl
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— Archbishop of Canterbury (@JustinWelby) April 13, 2019