नई दिल्ली। देश में इस वर्ष गुरुवार को 95वीं बार इंटरनेट शटडाउन किया गया। इंटरनेट शटडाउन के मामले में भारत दुनिया के सभी देशों से आगे निकल गया है। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में इंटरनेट बंद है। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशन्स समेत दो थिंक टैंक संस्थाओं की रिसर्च के मुताबिक, इंटरनेट बंद करने के मामले में भारत दुनिया भर में सबसे आगे है। इसकी वजह से बड़ा आर्थिक नुकसान भी हुआ है।
रिसर्च में सामने आया कि वर्ष 2012 से अब तक सरकार ने देश में 367 बार इंटरनेट बंद किया। वहीं, वर्ष 2018 में दुनिया में होने वाले कुल इंटरनेट शटडाउन में से 67 फीसदी भारत में हुए। रिसर्च में बताया गया है कि जनवरी 2012 से जनवरी 2019 के बीच 60 बार इंटरनेट 24 घण्टे के लिए बंद किया गया था। वहीं, 55 बार 24 से 72 घंटे के लिए इंटरनेट शटडाउन किया गया था, जबकि 39 बार 72 घंटे से ज्यादा समय के लिए इंटरनेट बंद किया गया था। वर्ष 2012 से 2017 के बीच 16 हजार घंटे से ज्यादा समय तक इंटरनेट बंद रहा।
सबसे ज्यादा बार जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद
भारत में सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद रहा। जबकि 2012 से 2019 के बीच इंटरनेट बंद करने के मामले में सबसे आगे जम्मू कश्मीर, यूपी, हरियाणा,बिहार और गुजरात सबसे आगे रहे। जम्मू-कश्मीर में 180 बार, राजस्थान में 67 बार, यूपी में 20 बार, हरियाणा में 13 बार, बिहार में 11 बार और गुजरात में 11 बार इंटरनेट बंद हुआ। वहीं, 2012 से 2019 के बीच देश भर में कुल 367 बार इंटरनेट सस्पेंड हुआ है। वहीं, कश्मीर में सबसे लंबे समय का इंटरनेट शटडाउन चल रहा है। कश्मीर में पिछले पांच अगस्त से इंटरनेट बंद किया गया था, जिसके बाद से अभी तक चालू नहीं हो पाया है।
इंटरनेट बंद होने से हुआ 3 अरब डॉलर का नुकसान
रिसर्च में सामने आया कि 2012 से 2017 के बीच बंद हुए इंटरनेट के कारण 3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा गुजरात को 1177.5 मिलियन डॉलर को नुकसान हुआ है। जम्मू-कश्मीर में 61.02 लाख डॉलर, राजस्थान में 18.29 लाख डॉलर, उत्तर प्रदेश में 5.3 लाख डॉलर, हरियाणा में 42.92 लाख डॉलर, बिहार में 5.19 लाख डॉलर का नुकसान हुआ।