नई दिल्ली। चीनी नौसेना की बढ़ती ताकत और उसके हिंद महासागर में बढ़ते हस्तक्षेप के बाद भारत ने भी अपनी मजबूती शुरु कर दी है। इसीलिए भारत हिंद महासागर में अपना तीसरा नेवी बेस खोलने जा रहा है। सामरिक नजरिए से बेहद अहम यह नेवी बेस अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से करीब 300 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित एक रणनीतिक अहमियत रखने वाले द्वीप पर खोला जाएगा। इस बेस के खुलने के बाद से भारतीय नौसेना को काफी मजबूती मिलेगी।
सेना के जानकारों का कहना है कि इस द्वीप से भारत मलक्का जलसंधि से होकर हिंद महासागर में पहुंचने वाली चीनी पनडुब्बियों और जहाजों पर आसानी से नजर रख सकेगा। भारतीय नौसना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा के मुताबिक, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा इस नए नेवी बेस आईएनएस कोहासा का उद्घाटन करेंगे।
बता दें कि भारत के शीर्ष नेतृत्व की चिंता अपने पड़ोस में चीन के श्रीलंका, पाकिस्तान में बनाए गए व्यवसायिक बंदरगाहों को लेकर है, जिन पर चीन किसी भी समय अपनी लगातार बढ़ती जा रही नौसेना को तैनाती दे सकता है। इसके चलते चीन भारत को दोहरे मोर्चे पर घेरने में सफल हो सकता है।
इसी से निपटने के लिए भारतीय नौसेना ने अंडमान पर अपना ध्यान केंद्रित किया है, जो नजदीक में मौजूद मलेशियाई समुद्री क्षेत्र की मलक्का जलसंधि पर नजर रखने के लिए बेहद उपयोगी है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुर्सी संभालते ही मजबूत नीति के तहत यहां पर नौसेना के जहाजों और एयरक्राफ्टों को तैनात किया गया है।