नई दिल्ली। सरकार ने मलेशिया से पाम ऑयल (Palm Oil) इंपोर्ट रोकने के लिए रिफाइनर्स को अनौपचारिक एडवाइजरी जारी की गई है। अनौपचारिक एडवाइजरी में सरकार ने रिफाइनर्स को मलेशिया (Malaysia) से पाम ऑयल नहीं खरीदने को कहा है। सरकार और उद्योग सूत्रों के अनुसार, मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए हटाने का विरोध किया था। मोहम्मद ने नागरिकता कानून में संशोधन का भी विरोध किया था।
मलेशिया की मुश्किलें बढ़ेंगी
भारत हर साल करीब 9 लाख टन पॉम ऑयल आयात करता है। 2019 में करीब 5 लाख टन पॉम ऑयल मलेशिया से आयात किया गया था। कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले मलेशिया से मोदी सरकार पहले ही खफा थी। इसके बाद जब महातिर ने सीएए का विरोध किया तो सरकार ने मलेशिया को सबक सिखाने की तैयारी कर ली। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को पॉम ऑयल रिफाईनरीज के संचालकों को मौखिक तौर पर मलेशिया से आयात बंद करने को कहा गया। मलेशिया को जीडीपी का 2.8 फीसदी पॉम ऑयल एक्सपोर्ट से ही प्राप्त होता है। यह उसके कुल निर्यात का 4.5 प्रतिशत है।
मलेशिया से ज्यादा उत्पादन करता है इंडोनेशिया
सूत्रों ने यह भी बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया ऐसे दो देश हैं जो पाम ऑयल सप्लाई करते हैं। इंडोनेशिया से इंपोर्ट करने पर अतिरिक्त खर्च नहीं होगा क्योंकि प्रोडक्ट और कीमत समान है। आंकड़ों के मुताबिक, मलेशिया सालाना 19 मिलियन टन पाम ऑयल का उत्पादन करता है जबकि इंडोनेशिया 43 मिलियन टन का उत्पादन करता है। रिफाइनर्स के लिए इंडोनेशिया से पाम ऑयल का इंपोर्ट महंगा नहीं पड़ेगा जब प्रोडक्ट और कीमत समान है।
इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि रिफाइनर्स जोखिम क्यों लें जब सरकार के अनौपचारिक एजवाइजरी में हमें मलेशिया से पाम ऑयल नहीं खरीदने को कहा है। सूत्रों ने यह भी कहा कि घरेलू सप्लाई को बढ़ाने के लिए भारत पाम ऑयल के बजाय सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल का इंपोर्ट बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
मलेशियाई पीएम ने दिया था ये बयान
बता दें कि 20 दिसंबर को मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद को कहा था कि मैं ये देखकर दुखी हूँ कि जो भारत अपने को सेक्युलर देश होने का दावा करता है, वो कुछ मुसलमानों की नागरिकता छीनने के लिए क़दम उठा रहा है। अगर हम यहाँ ऐसे करें, तो मुझे पता नहीं है कि क्या होगा। हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री और अस्थिरता होगी और हर कोई प्रभावित होगा। इससे पहले, उन्होंने 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में कहा था कि भारत ने कश्मीर पर क़ब्ज़ा कर रखा है।