नई दिल्ली। भारतीय रेलवे को कम समय में ज्यादा से ज्यादा माल ढुलाई को लेकर एक प्रयोग में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. रेलवे ने पहली बार डबल स्टैक कंटेनर को इलेक्ट्रिक रूट पर चलाने में सफलता प्राप्त कर ली है. हाई राइज़ ओवर हेड इक्विपमेंट को लेकर रेलवे ने अपनी तरह का एक नया बेंचमार्क तय किया है. 7.57 मीटर की उंचे वायर वाले रूट पर पश्चिम रेलवे ने यह प्रयोग किया. रेलवे द्वारा यह प्रयोग दुनिया में अपनी तरह का पहला ऐसा प्रयोग है और इससे ग्रीन इंडिया मिशन को भी पूरा करने में कामयाबी मिल सकेगी.
इसके साथ ही भारतीय रेल दुनिया की ऐसी पहली रेलवे बन गई है, जिसने डबल स्टैक कंटेनर की मदद से माल ढुलाई की है. रेलवे द्वारा यह प्रयोग 10 जून 2020 को गुजरात के पालनपुर और बोटाद स्टेशन के बीच किया गया. लॉकडाउन में एक लंबे समय के नुकसान होने के बाद भी रेल मंत्रालय इस कोशिश में है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा से ज्यादा माल ढुलाई की जाये.
1 अप्रैल से लेकर 10 जून के बीच रेलवे ने 178.65 मिलियन टन सामानों की ढुलाई की है. लॉकडाउन के दौरान पैसेंजर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद था. लेकिन इस बीच माल ढुलाई का काम लगातार जारी रहा.
रेलवे ने जानकारी दी है कि 24 मार्च से लेकर 10 जून के बीच 32.40 लाख वैगन के जरिये माल ढुलाई कर सप्लाई चेन को जारी रखा गया. इसमें 18 लाख से अधिक वैगन के जरिये जरूरी सामानों की ढुलाई की गई, जिसमें अनाज, नमक, चीनी, दूध, खाद्य तेल, प्याज, फल, सब्जी, पेट्रोलियम उत्पाद, कोयल और उर्वरक आदि शामिल है. 1 अप्रैल से 10 जून के बीच रेलवे ने 12.74 मिलियन टन अनाज की ढुलाई की है. पिछले साल की सामान अवधि में यह आंकड़ा 6.79 मिलियन टन था.
इसके अलावा 22 मार्च से 10 जून के बीच पार्सल ट्रेनों को भी चलाया गया. इनमें 3,790 टाइम टेबल वाली ट्रेनें शामिल थी. पार्सल ट्रेन के जरिये 1,37,196 टन सामानों की ढुलाई की गई.