लखनऊ।आश्विन मास के पितृ पक्ष में पड़ने वाली यह एकादशी धार्मिक द्रष्टि से काफी महत्वपूर्ण होती है। इस बार यह 25 सितंबर यानि आज के दिन इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) मनाई जा रही है। इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के ही रूप ‘शालिग्राम’ की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन अगर श्रद्धालु पूरी आस्था और भक्ति से यह व्रत रखते हैं तो उनके पूर्वजों को मुक्ति मिलती है और उनपर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। यह भी मान्यता है कि अगर कोई पितर नरक की यातनाएं झेल रहा है तो जातक द्वारा यह व्रत करने से यम देवता उसके पितर की आत्मा को मुक्ति प्रदान करते हैं। चलिए जानते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में…
इंदिरा एकादशी की तारीख और शुभ मुहूर्त
- इंदिरा एकादशी की तारीख- 23 सितंबर 2019
- एकादशी तिथि की शुरुआत- 24 सितंबर 2019 को शाम 4 बजकर 52 मिनट से एकादशी तिथि लग जाएगी.
- एकादशी तिथि का समापन: 25 सितंबर 2019 को दोपहर 2 बजकर 9 मिनट तक एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी।
- द्वादशी को इस समय खोलें व्रत: द्वादशी तिथि 26 सितंबर 2019 को सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 38 मिनट तक रहेगी।
- भक्त इस दौरान कभी भी व्रत का पारण कर सकते हैं।
इंदिरा एकादशी की पूजा विधि
- इंदिरा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्ना न करें और स्वरच्छण वस्त्र धारण कर लें।
- अब व्रत का संल्प लेते हुए कहें, ‘मैं सार भोगों का त्याग कर निराहार एकादशी का व्रत करुंगा/करुंगी, हे प्रभु! मैं आपकी शरण में हूं आप मेरी रक्षा करें।’
- अब शालिग्राम को पंचामृत से स्नाहन कराकर वस्त्र पहनाएं।
- शालिग्राम की मूर्ति के सामने विधिपूर्वक श्राद्ध करें।
- अब धूप, दीप, गंध, पुष्प, नैवेद्य आदि से भगवान ऋषिकेश की पूजा करें।
- पात्र ब्राह्मण को फलाहारी भोजन कराएं और दक्षिणा देकर विदा करें।
- दिन भर व्रत करें और केवल एक ही बार भोजन ग्रहण करें।
- दोपहर के समय किसी पवित्र नदी में जाकर स्नारन करें।
- पूरी रात जागरण करें और भजन गाएं।
- अगले दिन यानी कि द्वादश को सुबह भगवान की पूजा करें।
- फिर ब्राह्मण को भोजन कराकर उन्हेंग यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करें।
- अब अपने पूरे परिवार के साथ मौन रहकर खुद भी भोजन ग्रहण कर व्रत का पारण करें।