नई दिल्ली। आर्थिक सुस्ती से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए औद्योगिक मोर्चे से एक और बुरी खबर आई है। अगस्त में खुदरा महंगाई दर 10 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से अगस्त में खुदरा महंगाई दर जुलाई के 3.15 फीसदी से बढ़कर 3.21 फीसदी हो गई। सेंट्रल स्टैट्स्टिक्स ऑफिस (CSO) की ओर से जारी किए गए प्राइस डेटा में ये आंकड़ें आए हैं।
हालांकि, औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर राहत मिली है। बुनियादी क्षेत्रों में उत्पादन में बढ़ोतरी से जुलाई में औद्योगिक ग्रोथ बढ़कर 4.3 फीसदी हो गयी। जून में यह आंकड़ा महज 2 फीसदी पर आ गया था। वहीं जुलाई में मैन्यूफैक्चरिंग आउटपुट 4.2 फीसदी पर रहा था।
सब्जियों की महंगाई दर बढ़ी
महीने दर महीने आधार पर जुलाई में सब्जियों की महंगाई दर 2.82 फीसदी से बढ़कर 6.90 फीसदी पर पहुंच गई है जबकि बिजली और ईंधन की महंगाई दर जुलाई के -0.36 फीसदी के मुकाबले -1.7 फीसदी रही है। अगस्त में खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई जुलाई के 2.36 फीसदी से बढ़कर 2.99 फीसदी पर पहुंच गई। हाउसिंग महंगाई 4.87 फीसदी से घटकर 4.84 फीसदी हो गई।
कोर सेक्टर्स ने किया था निराश
गौरतलब है कि पिछले दिनों 8 कोर सेक्टर्स की विकास दर में भी गिरावट दर्ज की गई थी। जुलाई महीने में 8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ घटकर 2.1 फीसदी पर आ गई है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यानी जुलाई 2018 में यह 7.3 फीसदी थी।
दरअसल, तमाम कोशिशों के बावजूद उद्योगों की वृद्धि दर में रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। हालांकि पिछले साल की अप्रैल-जुलाई तिमाही की तुलना में इस बार अप्रैल-जुलाई के दौरान प्रोडक्शन में 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आठ प्रमुख उद्योग में कोयला, क्रूड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं।