नई दिल्ली। अरब देशों में कच्चा तेल (Crude Oil) एक बड़ा खजाना है। अनेक देशों की अर्थव्यवस्था तेल पर ही चल रही है ऐसे में ईरान (Iran) के दक्षिणी हिस्से में कच्चे तेल का एक नया भंडार मिला है। राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने कहा कि तेल के नए भंडार से 53 अरब बैरल का कच्चा तेल होने की संभावना है। इस नए तेल क्षेत्र की खोज के बाद ईरान के प्रामाणिक तेल भंडारों में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी।
ईरान के पास 150 बिलियन बैरल कच्चे तेल का भंडार
ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी द्वारा रविवार को की गई घोषणा का मतलब होगा कि ईरान के कच्चे तेल के भंडार में एक तिहाई वृद्धि होगी। ईरान का कहना है कि अभी उसके पास 150 बिलियन बैरल कच्चे तेल का भंडार है। उन्होंने कहा कि नया ऑयल फील्ड ईरान के ऑयल-रिच खुजेस्तान प्रांत में मिला है।
सरकारी टीवी पर अपने संबोधन में रूहानी ने कहा कि नया तेल भंडार ईरान के खुजेस्तान प्रांत में मिला है। यह 2,400 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है। यह क्षेत्र करीब 200 किलोमीटर की दूरी में 80 मीटर गहराई तक फैले हैं।
उन्होंने कहा, यह सरकार की ओर से ईरान के लोगों को एक छोटा-सा तोहफा है। इस खोज के बाद ईरान की स्थापित कच्चा तेल भंडार क्षमता में 34 प्रतिशत का इजाफा होगा। अब ईरान की स्थापित कच्चा तेल भंडार क्षमता 155.6 अरब बैरल होने का अनुमान है। वैश्विक शक्तियों के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर किसी समझौते पर पहुंचने में विफल रहने के बाद अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान का ऊर्जा उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
ईरान के पास है दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल भंडार
ईरान पेट्रोल निर्यात करने वाले देशों के संगठन ओपेक (OPEC) का संस्थापक सदस्य रहा है। अभी उसके पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल भंडार है और नयी खोज के बाद वह अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल भंडार रखने वाला देश बन गया है। अभी दुनिया में सबसे ज्यादा कच्चे तेल का भंडार वेनेजुएला के पास है। इसके पास 303.2 बिलियन बैरल कच्चे तेल का भंडा है, जो दुनिया के कुल तेल भंडार का 17.9 फीसदी है।
हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि इस नयी खोज से देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को कितना फायदा होता है। वैश्विक शक्तियों के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर किसी समझौते पर पहुंचने में विफल रहने के बाद अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान का ऊर्जा उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वर्ष 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऐतिहासिक परमाणु समझौते से निकल जाने के बाद से ईरान को कच्चे तेल के निर्यात में भारी दिक्कतें हो रही हैं। अमेरिका ने उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर पिछले साल से ईरान पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिए हैं।