नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्याल में रविवार हिंसा के दौरान बदमाशों ने छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष पर हमला कर उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया था। उनकी खून से लथपथ तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। आइशी घोष के साथ करीब तीन दर्जन छात्र भी घायल हुए हैं। बता दें कि, आइशी घोष पश्चिम बंगाल के छोटे से शहर दुर्गापुर से पढ़ने दिल्ली आई थीं। 2019 में जेएनयू छात्रसंघ की वह अध्यक्ष बनीं थीं।
छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय के कई मुद्दों पर शांतिपूर्ण संघर्ष की बात कही थी। आइशी दौलतराम कॉलेज से कानून की पढ़ाई के बाद जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल की छात्रा हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से छात्र हितों को लेकर लिए गए किसी भी निर्णय में खामी पाए जाने पर वो विरोध के सुर उठाती रहीं हैं। वर्ष 2019 में एमबीए की फीस में हुई वृद्धि को लेकर आइशी घोष भूख हड़ताल पर बैठीं थीं।
भूख हड़ताल के दौरान उनकी सेहत बिगड़ गयी थी, जिसके कारण उन्हें चिकित्सकी परामर्श के बाद अनशन से उठाया गया था। बता दें कि, आइशी घोष स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया संगठन से जुड़ी हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद जब जेएनयू प्रशासन ने इंटर हॉस्टल मैनुअल में हॉस्टल की फीस बढ़ाकर ड्रेस कोड जैसे नये नियम बनाए तो आइशी ने इसका पुरजोर विरोध किया। इसके तुरंत बाद कैंपस में फीसवृद्धि और नये हॉस्टल मैनुअल को लेकर आंदोलन छिड़ गया।
इसको लेकर आइशी ने 11 नवंबर को यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दिन प्रदर्शन का आह्वान किया। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया था। जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी फीस हाइक को लेकर कमेटी बनाई। वहीं, जेएनयू हिंसा में घायल आइशी घोष के पिता ने रविवार को कहा था कि देश भर में स्थिति अस्थिर है, यहां तक कि भविष्य में उनकी पिटाई भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज मेरी बेटी है तो कल किसी और का बच्चा होगा।