Janmashtami Katha And Aarti: श्री कृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी के रूप में 18 अगस्त को मनाया जाएगा। 18 अगस्त को स्मार्त कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे और 19 अगस्त को वैष्णव जन्माष्टमी मनाएंगे। पुराणों और शास्त्रों के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण विष्णु जी का अवतार हैं। विष्णु जी ने माता देवकी और वासुदेव जी के वंश में कान्हा के रूप में जन्म लिया था। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
Janmashtami Katha And Aarti: श्री कृष्ण का जन्मोत्सव (Birthday of Shri Krishna) जन्माष्टमी (Janmashtami) के रूप में 18 अगस्त को मनाया जाएगा। 18 अगस्त को स्मार्त कृष्ण जन्माष्टमी (Smart Krishna Janmashtami) मनाएंगे और 19 अगस्त को वैष्णव जन्माष्टमी (Vaishnav Janmashtami) मनाएंगे। पुराणों और शास्त्रों के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण विष्णु जी का अवतार (Lord Krishna incarnation of Vishnu) हैं। विष्णु जी ने माता देवकी और वासुदेव जी के वंश में कान्हा के रूप में जन्म लिया था। जन्माष्टमी (Janmashtami) के दिन भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के जन्म का उत्सव पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
भाद्रपद माह (Bhadrapada month) के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त, गुरुवार रात्रि 09: 21 मिनट पर आरंभ हो रही है और अगले दिन यानी 19 अगस्त, शुक्रवार रात्रि 10:59 मिनट पर समाप्त हो रही है। कृष्ण भक्त कान्हा का जन्मोत्सव पूरे हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाते हैं। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की कथा सुनते हैं। धर्म विशेषज्ञों के अनुसार पूजा के दौरान जन्माष्टमी की कथा (Katha of janmashtami) करने और आरती का पाठ करने से लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) की कथा और आरती ।