जापान के लोग कड़ी मेहनत और कई घंटों तक लगातार काम करने के लिए विश्व भर में मशहूर है। लगातार कई घंटे काम करने की वजह से वहां के लोगों को सेहत संबंधी और अन्य कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
नई दिल्ली: जापान के लोग कड़ी मेहनत और कई घंटों तक लगातार काम करने के लिए विश्व भर में मशहूर है। लगातार कई घंटे काम करने की वजह से वहां के लोगों को सेहत संबंधी और अन्य कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए यहां की सरकार ने हाल ही में कंपनियों को सुझाव दिया है कि वे कर्मचारियों से हफ्ते में 5 के बजाय 4 दिन काम करने का विकल्प दें। फोर डे वीक प्लान के तहत कर्मचारियों को यह चुनने का अधिकार दिया जाएगा कि वे किन 4 दिनों में काम करना चाहेंगे।
इस बदलाव लाने के पीछे यह माना जा रहा है कि जापान सरकार लोगों को इतना समय देना चाहती है कि जिससे वे नौकरी, परिवार की जिम्मेदारियों और नए स्किल सीखने की जरूरत के बीच तालमेल बैठा सकें। उम्मीद की जा रही है कि इससे उनका जीवन अच्छा होगा। जापान सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइन भी तैयार कर ली है। लेकिन इस नीति को लेकर देश में बहस नई छिड़ गई है।
जापान सरकार को उम्मीद है कि फोर डे वीक से लोगों को अतिरिक्त छुट्टियां मिलेंगी। इससे वे बाहर जाएंगे और खर्च करेंगे। इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि छुट्टी मिलने पर युवा कपल बाहर जाएंगे। एक दूसरे से मिलेंगे. शादी करेंगे और बच्चे पैदा करेंगे। इससे जापान गिरती जन्मदर की समस्या से उबरना चाहती है। जापान में आमतौर पर ऐसी खबरें आती हैं कि ज्यादा काम करने से लोग बीमार हो गए या फिर तनाव के कारण कर्मचारियों ने अपनी जान दे दी। इसे जापानी भाषा में कारोशी कहते हैं।