नई दिल्ली। वायू प्रदूषण पर केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर बड़ा हमला बोला है। जावड़ेकर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों की मदद के लिए 1100 करोड़ दिए हैं। वहीं दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर 1500 करोड़ खर्च किए हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि पहले दिल्ली सरकार बताए कि सीपीसी के आदेशों का कितना पालन किया। हमारी सरकार ने किसानों को 1100 करोड़ रुपये दिए आपने क्या दिया। हमने 22 लाख किसानों को 40 हजार मशीन दी है। लेकिन दिल्ली सरकार ने सिर्फ विज्ञापन पर 1500 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। विज्ञापन की जगह प्रदूषण पर खर्च करते। 1500 करोड़ रुपये किसानों को दे देते तो प्रदूषण कम होता।
जावड़ेकर ने कहा कि रसायन उद्योग के उद्यमी और महारथी मिलने आए थे और मैंने उनसे कहा है अगर उनका पॉल्यूशन लोड नहीं बढ़ता है तो बार-बार मंत्रालय आने की जरूरत नहीं है। मंत्री ने कहा कि जैसे आज प्लास्टिक कलेक्ट नहीं किया जाता और रियूज के लिए नहीं जाता है। उसी तरह से कैमिकल फैक्ट्रीज को पानी की भी बचत करनी चाहिए और पुर्ननिर्माण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन जनता को तकलीफ देने वाली समस्या है। मंत्री पद संभालते ही मैंने पांचों राज्यों के मुख्यमंत्री और सचिवों की बैठक शुरू की। इसको लेकर आठ बैठक हो चुकी है और नौंवी बैठक जल्द होगी। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भी इस प्रदूषण की समस्या को लेकर चिंतित है और थाईलैंड में होने के बावजूद उन्होंने इस मसले पर बातचीत की है। उन्होंने बताया कि कल पीएमओ सचिव स्तर की बातचीत हुई थी और वह आज फिर होगी।
केजरीवाल ने कहा झूठ बोल रहे जावड़ेकर
प्रकाश जावड़ेकर के इस बयान के बारे में जब दिल्ली के मुख्यमंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर हमने विज्ञापन पर खर्च किया तो क्या गलत किया। हमने लोगों को विज्ञापन के जरिए जागरूक किया, क्या हमें ये नहीं करना चाहिए था? वह आगे बोले कि दिल्ली सरकार का विज्ञापन का कुल बजट 150 करोड़ रुपये है, उसमें से भी अभी पैसे बचे हुए हैं। दिल्ली सरकार ने जिस तरह से डेंगू की रोकथाम के लिए उसके खिलाफ मुहिम चलाई और विज्ञापन के जरिए लोगों को जागरूक किया वह दुनिया में अपनी तरह का डेंगू के खिलाफ अनोखा अभियान था। हमने प्रदूषण कम करने के लिए सम-विषम योजना का विज्ञापन किया। क्या हमें ये विज्ञापन नहीं करना चाहिए था?