मशहूर शायर, गीतकार और फिल्म पटकथा लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (Muslim Personal law) को सरासर गलत ठहराया है।
मुंबई: अख्तर (Javed Akhtar) ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (Muslim Personal law) को सरासर गलत ठहराया है। दरअसल हाल ही में इस बारे में जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने कहा, ‘अगर मुसलमान पतियों को एक साथ 4 शादियां करने का हक जायज है, तो फिर महिलाओं को भी एक कई पतियों को रखने का हक मिलना चाहिए।’
इसी के साथ उन्होंने कहा कि, ‘एक से ज्यादा बीवी रखने से औरतों और मर्दों में बराबरी नहीं कायम रहती है।’ इसके अलावा जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने यह भी साफ कहा कि, ‘एक वक्त में एक से ज्यादा शादियां करना देश के कानून और संविधान के नियमों के सरासर खिलाफ है।’
एक मशहूर वेबसाइट को दिए गए एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने कहा, ‘कॉमन सिविल कोड का मतलब केवल ये नहीं है कि सभी समुदायों के लिए एक कानून हो। बल्कि इसका मतलब औरतों और मर्दों के बीच बराबरी भी है। दोनों के लिए एक ही मापदंड होना चाहिए।’
इसी के साथ उन्होंने कहा, ‘वे पहले से ही कॉमन सिविल कोड का पालन कर रहे हैं। जिसके भी दिल में औरत और मर्द की बराबरी का खयाल है, उसे कॉमन सिविल कोड में रहना चाहिए।’ आगे उन्होंने कहा कि वे अपने बेटे और बेटी को संपत्ति में बराबर का अधिकार देंगे।
वहीं आगे बात करते हुए जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने कहा, ‘आज देश की समस्या ये है कि देश को सरकार और सरकार को देश माना जाने लगा है। सरकार तो आती-जाती रहती है, मगर देश तो हमेशा रहेगा।
अगर कोई सरकार का विरोध करता है, तो उसे देशद्रोही करार दिया जाता है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘देश का मिजाज बहुत पहले से ही लोकतांत्रिक रहा है। हजारों साल के देश के जनमानस का मिजाज उदार रहा है। वो कभी कट्टरवादी नहीं रहा है। आज जिस तरह से कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है, वो हिंदुस्तान का मिजाज नहीं है।’