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जो बाइडेन, बोले- भारत हमारे साथ था और अब हम उसके साथ रहेंगे

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुनिया की आलोचना के बाद आखिरकार तीन दिन मौन तोड़ा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- हम भारत के साथ हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से भारत में मचे हाहाकार के बीच आखिरकार अमेरिका ने मदद का हाथ बढ़ाया है।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुनिया की आलोचना के बाद आखिरकार तीन दिन मौन तोड़ा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- हम भारत के साथ हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से भारत में मचे हाहाकार के बीच आखिरकार अमेरिका ने मदद का हाथ बढ़ाया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि भारत जरूरत के वक्त अमेरिकी लोगों के साथ था और भारत में अब तक के सबसे बुरे जन स्वास्थ्य संकट के समय अमेरिका उसके साथ खड़ा रहेगा।

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हालांकि तीन दिन तक मौन साधे रहने पर अमेरिका को दुनिया की आलोचना झेलनी पड़ी है। इसके बाद बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर हुई बातचीत के बाद यह बयान दिया है। दोनों नेताओं ने सोमवार को फोन पर बातचीत की है। बाइडन ने मोदी के साथ फोन पर हुई बातचीत के तुरंत बाद ट्वीट किया कि भारत हमारे लिए खड़ा था और हम उनके लिए खड़े रहेंगे।

बाइडन ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आपात सहायता व संसाधन मुहैया कराने के लिए अमेरिका की तरफ से पूर्ण सहयोग देने का संकल्प जताया है। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट तक बाचतीत हुई।

बता दें कि बाइडन के 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच फोन पर यह दूसरी बातचीत है। बता दें कि व्हाइट हाउस ने भारत को औषधियां, वेंटिलेटर तथा कोविशील्ड टीके के निर्माता के लिए आवश्यक कच्चा माल सहित अन्य संसाधनों को मुहैया कराने की घोषणा की है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति ने भारत के लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाने का संकल्प लिया जो कोविड-19 के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि से जूझ रहे हैं। भारत के अनुरोध पर अमेरिका ऑक्सीजन और संबंधित आपूर्ति मुहैया कराने के विकल्पों को तलाश रहा है।

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 हम भारत में आपात स्थिति पर विचार करते जहाजों का मार्ग परिवर्तित कर सकते हैं : साकी

उन्होंने कहा कि हम भारत में आपात स्थिति पर विचार करते हुए कम आवश्यकता वाले देशों की मदद के लिए जाने वाले जहाजों का मार्ग परिवर्तित कर सकते हैं और उम्मीद है कि जल्द ही हमें इस पर और जानकारियां मिलेंगी। उन्होंने बताया कि रक्षा विभाग फील्ड ऑक्सीजन उत्पादन प्रणालियां मुहैया कराने पर भी विचार कर रहा है जिसका इस्तेमाल अमेरिका ने अपने फील्ड मेडिकल अस्पतालों में किया था।

साकी ने कहा कि प्रत्येक ईकाई 50 से 100 बिस्तरों को ऑक्सीजन मुहैया करा सकती है। प्रशासन ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स और वेंटीलेटर्स मुहैया कराने के विकल्पों पर भी गौर कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पिछले साल भारत को 200 वेंटीलेटर्स मुहैया कराए थे और चिकित्सा पेशेवरों को उनके इस्तेमाल को लेकर प्रशिक्षित किया था।

उन्होंने कहा कि और जिन चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है वह पीपीई किट है और हमने इसके लिए भी अमेरिकी वाणिज्यिक आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की है। हमने रेमडेसिविर के अमेरिकी वाणिज्यिक आपूर्तिकर्ताओं की भी पहचान की है।

भारत ने सात आवश्यक चीजों की सूची दी

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भारत ने सात आवश्यक चीजों की सूची दी है जिसकी उसे तत्काल आवश्यकता है। इस सूची में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स, 10 लीटर और 45 लीटर की क्षमता के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन जेनरेटर्स, ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्र, रेमडेसिविर, फैविप्रिविर और टोसिलिजुमैब शामिल हैं।

इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि बाइडन प्रशासन कोविड-19 से निपटने में भारत को आवश्यक चिकित्सा सामान की आपूर्ति के लिए लगातार काम कर रहा है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि भारत में मौजूदा हालात अमेरिका के लिए चिंता का सबब हैं।

उन्होंने कहा कि हम भारत में अपने मित्रों और साझेदारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। भारत को जिन चीजों की तत्काल जरूरत है उनकी आपूर्ति के लिए लगातार काम कर रहे हैं और इसमें ऑक्सीजन सहायता एवं संबंधित सामान शामिल हैं लेकिन साथ ही इसमें रैपिड जांच किट, वेंटीलेटर्स, निजी रक्षात्मक उपकरण या पीपीई, अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे भारत के स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की रक्षा करने वाले सभी सामान शामिल हैं।

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