सीतापुर। आजकल सरकार के खिलाफ कोई पत्रकार आवाज उठाता है तो उसके खिलाफ ही मुकदमे हो जाते हैं या फिर जांच शुरू हो जाती है। कुछ दिनो पहले मिर्जापुर में एक पत्रकार ने मिड डे मील को लेकर लापरवाही करने वाली खबर दिखाई तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था वहीं अब उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के एक न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार ने क्वारंटीन सेंटर की बदहाली का पोल खोल दिया तो उसके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, आपदा प्रबंधन और हरिजन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस मामले में संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश पत्रकार संघ की जिला इकाई के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने सीतापुर के डीएम को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन प्रशासन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बता दें कि कोरोना महामारी को लेकर जिले की हर तहसील में कई क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं, देश में कई क्वारंटीन सेंटरो से बदहाली की खबरे आयीं थी जिसको लेकर लगातार मीडिया की भी नजर इन सेंटरो पर बनी हुई थी। पूर्वी यूपी के सीतापुर जिले के महोली तहसील में क्वारंटीन सेंटर में रह रहे कुछ लोगों का आरोप था कि वहां पर कोई खास इंतजाम नहीं किया गया है। खाने के नाम पर उन्हें फफूंद लगे चावल दिए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर एक न्यूज पोर्टल के स्थानीय पत्रकार रविंद्र शुक्ला ने तहकीकात की, वीडियो बनाया और एक पीड़ित की बाईट के साथ इस खबर को अपने पोर्टल में चला दिया। जहां प्रशासन को संबधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए था तो उल्टा पत्रकार के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
रविंद्र शुक्ला ने बताया, ‘महोली क्वारंटीन सेंटर की बदहाली और सही खाना न मिलने से परेशान होकर मोहल्ला आजादनगर निवासी एक क्वारंटीन व्यक्ति बाबूराम तहसील में एसडीएम शशि भूषण राय से इसकी शिकायत करने पहुंचा था। हम भी खबरों के सिलसिले में वहां मौजूद थे। वहीं हमें यह व्यक्ति मिला जो साथ में फफूंद लगे चावल भी लिए हुए था। जब हमने उससे कैमरे पर बात की तो उसने हमें बताया कि क्वारंटीन सेंटर से ये फफूंद लगे चावल मिले हैं, जिनकी शिकायत एसडीएम से करने आया हूं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।’
रविन्द्र आगे बताते हैं, ‘इसके बाद हमने इससे सम्बन्धित क्वारंटीन सेंटर का दौरा किया और वहां हो रही लापरवाहियों का वीडियो बनाकर अपने पोर्टल पर खबर चलाई। जिसके बाद प्रशासन ने एक ट्रेनी एससी लेखपाल ऋषभ गौतम के द्वारा मेरे खिलाफ हरिजन एक्ट, आपदा प्रबंधन और लॉकडाउन का उल्लंघन जैसे मामलों में मुकदमा दर्ज करा दिया है। जबकि हमारे ऊपर तो धारा 188 लागू ही नहीं होती। ये तो मुख्यमंत्री के आदेश हैं क्योंकि हम तो आवश्यक कर्मचारी की श्रेणी में आते हैं।’
पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने पत्रकार पर हुई एफआईआर पर कहा, ‘अब एफआईआर तो हो चुकी है, तो उसे तो रद्द करा नहीं सकते लेकिन हमने गिरफ्तारी रुकवा दी है। आगे पुलिस अपनी जांच करेगी और रिपोर्ट देगी।’