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जेपी नड्डा, बोले-देश में 200 करोड़ टीके दिसंबर माह तक होंगे उपलब्ध

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वैक्सीन उत्पादन का रोडमैप देश की जनता के सामने रखा। उन्होंने कहा कि आज हर महीने देश में एक करोड़ टीकों का उत्पादन हो रहा है। जुलाई-अगस्त में यह बढ़कर छह से सात करोड़ हो जाएगा। सितंबर तक हमें उत्पादन 10 करोड़ टीके प्रतिमाह हो जाने की उम्मीद है।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वैक्सीन उत्पादन का रोडमैप देश की जनता के सामने रखा। उन्होंने कहा कि आज हर महीने देश में एक करोड़ टीकों का उत्पादन हो रहा है। जुलाई-अगस्त में यह बढ़कर छह से सात करोड़ हो जाएगा। सितंबर तक हमें उत्पादन 10 करोड़ टीके प्रतिमाह हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पहले केवल दो उत्पादक थे, जो अब बढ़कर 13 हैं और दिसंबर तक 19 हो जाएंगे। दिसंबर तक देश में 200 करोड़ टीके उपलब्ध होंगे।

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नड्डा ने कहा कि भारत में अप्रैल महीने में ही टीकों की प्रक्रिया आरंभ हुई और जनवरी तक महज नौ महीने में देश में दो-दो टीके उपलब्ध कराए गए। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने इस अभियान को लेकर लगातार सवाल खड़े कर उसे पटरी से उतारने की कोशिश की है। उन्होंने दावा किया कि विकसित देशों के मुकाबले भारत में सबसे तीव्र गति से टीकाकरण अभियान चल रहा है।

 

नड्डा ने दावा किया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान जब देश में ऑक्सीजन की कमी के मामले सामने आने लगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सप्ताह के भीतर यह समस्या दूर की और लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचाई। कोविड-19 को शताब्दी की सबसे बड़ी और अकल्पनीय महामारी करार देते हुए नड्डा ने इससे हुई लोगों की मौत पर अफसोस जताया और स्वीकार किया कि ऑक्सीजन की कमी हुई थी लेकिन इस कमी को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई।

उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर ऑक्सीजन के लिए पूरी योजनाएं बनाकर और उन्हें अमली जामा पहनाया गया और लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई।’ पिछले दिनों ऑक्सीजन की कमी हुई। प्रधानमंत्री ने एक सप्ताह के अंदर जल, थल और नभ यानी पानी में जहाज के माध्यम से, सड़कों पर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर और ट्रेनों से तथा नभ में वायुयान से भी। ऑक्सीजन पहुंचाई और इस कमी को एक सप्ताह में दूर किया।

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बता दें कि अप्रैल-मई के महीने में देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी के कई मामले आए और इसकी वजह से राजधानी दिल्ली सहित देश के कुछ अन्य हिस्सों में कई लोगों की मौत भी हुई। इस कमी के मद्देनजर केंद्र सरकार को विभिन्न माध्यमों से विदेशों से ऑक्सीजन का आयात करना पड़ा था। नड्डा ने कहा कि पहले जहां देश में सिर्फ 900 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता था वहीं अब इसका 9446 मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है।

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