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Kaal Bhairav Jayanti 2024 : इस दिन मनाई जाएगी काल भैरव जयंती , जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

काल भैरव भगवान शिव का रौद्र अवतार माने गए हैं। तंत्र विद्या में काल भैरव की पूजा अचूक है। गृहस्थ जीवन वाले भी इनकी उपासना कर सकते हैं।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Kaal Bhairav Jayanti 2024 : काल भैरव भगवान शिव का रौद्र अवतार माने गए हैं। तंत्र विद्या में काल भैरव की पूजा अचूक है। गृहस्थ जीवन वाले भी इनकी उपासना कर सकते हैं। गृहस्थ कें लिए काल भैरव की पूजा के कुछ नियम हैं। काल भैरव जयंती हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनायी जाती है। काल भैरव को भगवान शिव का उग्र स्वरूप माना गया है। भैरव का अर्थ है भय को हरने या जीतने वाला। इसलिए काल भैरव रूप की पूजा से मृत्यु और हर तरह के संकट का डर दूर हो जाता है

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भैरव जयंती
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 नवंबर को शाम 6 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 23 नवंबर 2024 को रात 7 बजकर 56 पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में 22 नवंबर, शुक्रवार को काल भैरव जयंती है।

भगवान भैरव के 8 रूप
स्कंद पुराण के अवंति खंड के अनुसार भगवान भैरव के 8 रूप हैं। इनमें से काल भैरव तीसरा है। भैरव से ही बाकी 7 और प्रकट हुए जिन्हें अपने रूप और काम के हिसाब से नाम दिए हैं। उनके नाम, रुरु भैरव, संहार भैरव, काल भैरव, असित भैरव, क्रोध भैरव, भीषण भैरव, महा भैरव और खटवांग भैरव।

मंत्र
ॐ कालभैरवाय नम:।।
ॐ भयहरणं च भैरव:।।
ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्।।
ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।।

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