सनातन धर्म विवाहित महिलाएं पति की रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करतीं है। भारतीय हिंदू महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए अनेको व्रत त्योहार रखतीं है।
Kajari Teej 2022 : सनातन धर्म विवाहित महिलाएं पति की रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करतीं है। भारतीय हिंदू महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए अनेको व्रत त्योहार रखतीं है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे माह में शिव पूजा होती है। इस माह में विवाहित महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव से प्रार्थना करतीं है कि भगवान उनके सुहाग को अमर कर दें। महिलाएं पति के निरोगी होने का भी वरदान मांगती है। सावन माह में कजरी तीज के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है।
कजरी तीज तिथि प्रारंभ: 13 अगस्त, शनिवार, रात्रि 12:53 बजे से
कजरी तीज तिथि समाप्त: 14 अगस्त रविवार रात्रि 10:35 बजे
हिंदू पंचांग के अनुसार कजरी तीज का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस बार यह व्रत 14 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा। देश भर में कजरी तीज व्रत को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कजरी तीज, कजली तीज, बूढ़ी तीज और सातूड़ी तीज आदि।
इस व्रत को रखने के लिए महिलाएं कठिन नियमों का पालन करती है। वे इस व्रत को निर्जला व्रत के रूप में रखती हैं। कजरी तीज पर विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और नीमड़ी माता की पूजा करती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं। इस दिन घर में झूले लगाते है और महिलाएं इकठ्ठा होकर नाचती है और गाने गाती हैं। कजरी गाने इस उत्सव का एक अभिन्न हिस्सा हैं। कजरी तीज पर नीम की पूजा भी की जाती है।