कानपुर। तबलीग़ी जमात के लोगों पर अभद्रता का आरोप लगाकर पिछले दिनों चर्चा में आईं कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी अब एक वायरल वीडियो में जमातियों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बातें करके फिर चर्चा में हैं. इस वीडियो को लेकर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग उठ रही है और कुछ मुस्लिम संगठनों ने एफ़आईआर दर्ज कराने के लिए भी प्रार्थना पत्र दिया है.
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी का वायरल वीडियो वाला मुद्दा गर्माता नजर आ रहा है. वायरल वीडियो में प्रिंसिपल तबलीगी जमात को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए और उन्हें जंगल में छोड़ने की बात कहती दिख रही है. अब डॉ. आरती के खिलाफ जहां एक और मुस्लिम संगठनों के लोगों ने मोर्चा खोला है तो वहीं अधिवक्ता नासिर खान ने पुलिस उपमहानिरीक्षक से इसे लेकर शिकायत की है और उन पर मुकदमा लिखवाने की बात भी कही है.
वहीं इस पूरे मामले पर अधिवक्ता नासिर खान ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में सोशल मीडिया के माध्यम से आया है. अधिवक्ता की हैसियत से और समाज के जिम्मेदार नागरिक की हैसियत से वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं. यहां तक की आज उन्होंने पुलिस उपमहानिरीक्षक को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से प्रार्थना पत्र भी भेजा है, जिसमें प्राचार्य द्वारा अभद्र टिप्पणी करने के मामले को गंभीरता से लिए जाने का अनुरोध किया है.
अधिवक्ता नासिर खान ने बताया इतने बड़े पद पर आसीन होने के बाद इस तरह की मानसिकता रखना और किसी भी समाज के व्यक्ति पर इस प्रकार की टिप्पणी अशोभनीय है. प्राचार्य के वायरल हुए वीडियो में डंडे से मारने की बात भी कही गई है. अधिवक्ता ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन चिकित्सकों से उम्मीद करते हैं कि उन्हें बेहतर इलाज मिले. ताकि वह स्वस्थ होकर घर जाएं न कि उन्हें जेल में ठूस दिया जाए. इस तरह की मानसिकता रखने वाली चिकित्सक या प्राचार्य को इस कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है. अधिवक्ता नासिर खान ने बताया कि उन्हें न्यायपालिका पर विश्वास है इसीलिए उन्होंने पुलिस उपमहानिरीक्षक को अभियोग पंजीकृत करने के लिए प्रार्थना पत्र रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजा है. वह यह लड़ाई अंत तक लड़ेंगे जब तक की प्राचार्य को सजा न दिलवा दें. यदि पुलिस उनकी सुनवाई नहीं करती है तो वह मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की चौखट तक इस मुद्दे को लेकर जाएंगे.
दरअसल, सोशल मीडिया पर डॉ. आरती लालचंदानी का एक वीडियो इन दिनों वायरल है. इस वीडियो में वे पत्राकारों के साथ बात करते हुए तबलीगी जमात के लोगों के बारे में कह रही हैं. अनऑफिसियल बातचीत में डॉ आरती यह कहते हुए दिखाई दे रही हैं कि जिन्हें जेल में भेजना चाहिए उन्हें हॉस्पिटल में भेजा जा रहा है. जिन्हें जंगल में छोड़ना चाहिए वे यहां हैं. इससे अस्पताल, मैनपावर सभी का नुकसान हो रहा है. हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद डॉ आरती ने अपने बचाव में कहा कि यह करीब 70 दिन पुराना वीडियो है जो कि ब्लैकमैलिंग के तौर पर बनाया गया और फिर काम न बनने पर वायरल कर दिया गया.
ज्ञात हो कि अप्रैल महीने में डॉ. आरती लालचंदानी ने तबलीगी जमात के लोगों पर अस्पताल के स्टाफ पर थूकने और मारपीट का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि अस्पताल में एडमिट तबलीगी जमात के लोग खाने में बिरयानी मांग रहे हैं. साथ है अस्पताल स्टाफ के साथ मारपीट पर उतारू हैं.