1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Kapoor Fragrance: जानिए कपूर जलाने का क्या है महत्व, प्रचीन काल से हो रहा है इस्तेमाल

Kapoor Fragrance: जानिए कपूर जलाने का क्या है महत्व, प्रचीन काल से हो रहा है इस्तेमाल

हिंदू धर्म में पूजा के वक्त ज्यादातर कपूर का उपयोग किया ही जाता है। कपूर जलाने से न केवल धार्मिक फायदे होते हैं बल्कि इसका वैज्ञानिक व आयुर्वेदिक महत्व भी है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Kapoor Fragrance: हिंदू धर्म में पूजा के वक्त ज्यादातर कपूर का उपयोग किया ही जाता है। कपूर जलाने से न केवल धार्मिक फायदे होते हैं बल्कि इसका वैज्ञानिक व आयुर्वेदिक महत्व भी है। स्वास्थय संबंधी कई समस्याओं से निजात के लिए भी कई बार कपूर का प्रयोग किया जाता है। कोरोना काल में  कपूर के नए नए उपयोग भी पता लगें हैं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक कपूर और लौंग, घर में उत्पन्न होने वाली नकारात्मकता को दूर करते हैं। ऐसे में लौंग और कपूर को साथ जलाने का भी विधान है। दर्द और सूजन से राहत देता है। इसलिए दर्द और सूजन को दूर करने के लिए शीर्ष पर इसका उपयोग किया जाता है।

पढ़ें :- Venus Transit in Aries 2024:  शुक्र देव का मेष राशि में गोचर, जानें राशियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है

कर्पूर या कपूर मोम की तरह उड़नशील दिव्य वानस्पतिक द्रव्य है। इसे अक्सर आरती के बाद या आरती करते वक्त जलाया जाता है जिससे वातावरण में सुगंध फैल जाती है और मन एवं मस्तिष्क को शांति मिलती है। कपूर को संस्कृत में कर्पूर, फारसी में काफूर और अंग्रेजी में कैंफर कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर (कपूर) जरूर जलाएं।

पितृदोष और कालसर्पदोष से मुक्ति हेतु: कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि हमें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है।

धनवान बनने के लिए: रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद चांदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जला दिया करें। यह कार्य नित्य प्रतिदिन करेंगे तो धन-धान्य से आपका घर भरा रहेगा। धन की कभी कमी नहीं होगी।

कर्पूरगौरं मंत्र

पढ़ें :- Vastu Tips : घर से बाहर निकाल दें ये चीजें, घर में बढ़ेगी सुख समृद्धि

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

मंत्र का अर्थ- जो कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं और भुजंगों का हार धारण करते हैं, वे भगवान शिव माता भवानी सहित मेरे ह्रदय में सदैव निवास करें और उन्हें मेरा नमन है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...