लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नौकरी करने के फर्जीवाड़े में नए खुलासे सामने आए हैं। अनामिका सिंह नाम की आरोपी को पुलिस ने शनिवार को कासगंज से पकड़ा है, उसका असली नाम प्रिया जाटव बताया जा रहा है। हालांकि, अभी इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि आखिर अनामिका शुक्ला कौन है? जिसके दस्तावेज पर प्रिया जाटव जैसी 25 लड़कियां नौकरी कर रही हैं। फिलहाल पुलिस पड़ताल में जुटी है।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में संविदा पर लगने वाली नौकरी में दस्तावेज की जांच नहीं होती है। साक्षात्कार के दौरान ही असली अभिलेख देखे जाते हैं। चयन मेरिट के आधार पर होता है। ऐसे में अनामिका के दस्तावेजों को आधार बनाया, क्योंकि इसमें ग्रेजुएशन को छोड़ कर हाईस्कूल से इंटर तक 76 फीसद से ज्यादा अंक हैं। जनपद कासगंज में पकड़ी गई कथित अनामिका (असली नाम प्रिया जाटव) के अनुसार, उसकी मुलाकात गोंडा के रघुकुल विद्यापीठ में बीएससी करते वक्त ही मैनपुरी निवासी राज नाम के व्यक्ति से हुई थी। उसने प्रिया को नौकरी की सलाह दी। एक लाख रुपए में दस्तावेज पर नौकरी लगवाने का वायदा किया। उसने ही अगस्त 2018 में इसे नियुक्ति पत्र भी दिला दिया था।
बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल के अनुसार अनामिका शुक्ला के मूल दस्तावेजों में धुंधली फोटो भी इस कॉकस की मददगार बनी। साक्षात्कार के दौरान यह फोटो देखी जाती है, लेकिन धुंधली होने पर अभ्यर्थी के आधार कार्ड और अन्य पहचानपत्र के आधार पर चयन किया जाता है। जिस तरह से बैंकों में अनामिका शुक्ला के नाम से खाता खुलवाया गया, उससे माना जा रहा है कि आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज फर्जी तैयार कराए गए हैं।
कोतवाली सोरों पुलिस ने बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल की तहरीर पर अनामिका के खिलाफ धोखाधड़ी एवं कूटरचित अभिलेख तैयार करने के मामले में धारा 420, 467 एवं 468 में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, धारा 471 लगाने की भी तैयारी पुलिस कर रही है। इंस्पेक्टर रिपुदमन सिंह का कहना है मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन पूछताछ में नाम सहित कई अन्य जानकारियां मिली है। उनको भी जांच में शामिल किया जा रहा है।