नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। केरल पहला राज्य है, इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाला ऐसा पहला राज्य बन गया है। केरल सरकार ने याचिका में कानून को भेदभाव वाला और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है। केरल सरकार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सूट दाखिल किया है।
सीएए से संबंधित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 22 जनवरी को होगी सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने कई उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित नागरिकता संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया। अदालत ने कहा कि वह 22 जनवरी को केंद्र द्वारा भेजी गई याचिका के साथ सीएए से संबंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
राज्य विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित
बता दें कि बीते दिनों केरल विधानसभा ने नागरिकता कानून (सीएए) को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया है। सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले गठबंधन एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने विधानसभा में सीएए के विरोध में पेश प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि भाजपा के एकमात्र सदस्य ने इसका विरोध किया था।
डीएमके ने केरल का किया समर्थन, कहा अनुकरण करे सरकार
केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन अधिनियम को खत्म करने के प्रस्ताव को तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी डीएमके ने समर्थन किया है। डीएमके ने सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक से कहा था कि तमिलनाडु सरकार केरल का अनुकरण करे और संविधान की रक्षा के लिए विवादास्पद कानून के खिलाफ तमिलनाडु विधानमंडल में इसी तरह का कदम उठाए।