यूपी में निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए निकाय चुनावों के लिए 5 दिसम्बर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के ही कराने के आदेश दिए।
लखनऊ। यूपी में निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए निकाय चुनावों के लिए 5 दिसम्बर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को निकाय चुनावों को बिना ओबीसी आरक्षण के ही कराने के आदेश दिए। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। विपक्षी पार्टियां लगातार भाजपा सरकार पर हमले बोल रही है।
वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) ने इसको लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है और सपा को डूबता हुआ जहाज बता दिया है। डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘सपा का चरित्र पिछड़े वर्ग के साथ धोखा करने का है भला का नहीं, अन्य_पिछड़े_वर्ग के आरक्षण के बिना नगरीय निकाय चुनाव नहीं होगा, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फ़ैसले के विरूद्ध सरकार अपील करेगी। सपा समाप्त वादी पार्टी बनेगी, सपा डूबता हुआ जहाज़ है।
इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट कर केशव मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) ने लिखा है कि, ‘सपा व सैफई परिवार को पिछड़े वर्ग का एक उपमुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं हो रहा है। अखिलेश यादव जी सहित सैफई परिवार और इनकी पार्टी के नेता मेरे प्रति जितना अपमानजनक व अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हैं वह सर्वविदित है। निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण मिलना व सपा का सफ़ाया होना तय है।’