भाद्रपद महीने की शुरुआत 13 अगस्त से हो रही है. भादों में जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2022) का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन रोहिणी नक्षत्र में कान्हा का जन्म हुआ.
Krishna Janmashtami 2022: भाद्रपद महीने (Bhadrapada month) की शुरुआत 13 अगस्त से हो चुकी है. भादों में जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में कान्हा का जन्म हुआ.
आपको बता दें, बाल गोपाल के आगमन के लिए मंदिरों और घरों में विशेष साज-सजावट की जाती है, छप्पन भोग बनाए जाते हैं, कीर्तन किए जाते हैं.
इस बार जन्माष्टमी पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं. इस साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है, जिससे कृष्ण जन्माष्टमी की डेट को लेकर लोगों में कंफ्जून की स्थिति है. आइए जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी की सही तारीख, योग और मुहूर्त.
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त 2022 गुरुवार की रात 09:21 से शुरू होगी. अष्टमी तिथि का समापन 19 अगस्त 2022 शुक्रवार की रात 10.50 पर होगा.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था इस लिहाज से कई लोग जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाएंगे, वहीं सूर्योदय के अनुसार 19 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना भी उत्तम है.
मान्यताओं के अनुसार गृहस्थ जीवन जीने वाले 18 अगस्त को जन्मोत्सव मनाएंगे. वहीं बांके बिहारी मंदिर और द्वारिकाधीश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव 19 अगस्त को मनाया जाएगा.
जन्माष्टमी पर इस साल वृद्धि और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है, जो इस दिन के महत्व में वृद्धि करेगा. वृद्धि योग 17 अगस्त 2022 रात 08.56 से शुरु होगा और 18 अगस्त रात 08.41 पर समाप्त हो जाएगा.
वृद्घि योग में कान्हा की पूजा से घर में समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है. ध्रुव योग की शुरुआत 18 अगस्त 2022 रात 08.41 से होगी और इसका समापन 19 अगस्त राज 08.59 पर होगा.