1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Lakhimpur Khiri Case : आशीष मिश्रा पर चलेगा मुकदमा, नाम हटाने की अपील खारिज

Lakhimpur Khiri Case : आशीष मिश्रा पर चलेगा मुकदमा, नाम हटाने की अपील खारिज

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। किसानों की हत्या के आरोप में अब उन पर मुकदमा चलेगा। उन पर आरोप है कि उन्होंने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में आंदोलन के वक्त किसानों पर एसयूवी चढ़ा दी थी। यह घटना पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई थी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। किसानों की हत्या के आरोप में अब उन पर मुकदमा चलेगा। उन पर आरोप है कि उन्होंने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में आंदोलन के वक्त किसानों पर एसयूवी चढ़ा दी थी। यह घटना पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई थी।

पढ़ें :- Lok Sabha Election 2024 : यूपी में 5 बजे तक 57.54 प्रतिशत मतदान, बंगाल में 78% वोटिंग, जानें- कहां कितना हुआ मतदान

बता दें कि आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra)  ने कोर्ट से अपील की थी कि उनका नाम इस मामले में हटा दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट उनके साथ-साथ सभी आरोपियों पर मंगलवार को आरोप तय करेगी।

बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को किसान कृषि कानूनों के खिलाफ लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri)  में आंदोलन कर रहे थे। आरोप है कि उस वक्त आशीष मिश्रा ने अपनी महिंद्रा थार एसयूवी किसानों पर चढ़ा दी थी। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़के किसानों ने भी ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की कथित रूप से हत्या कर दी थी।

बताया जाता है कि लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Khiri case)के कुछ दिनों पहले ही आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) के पिता गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Minister of State for Home Ajay Mishra) ने किसानों को आंदोलन जल्द खत्म करने के लिए धमकाया था। उन्होंने कहा था कि अगर आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो वह दो मिनट में किसानों को देख लेंगे।

इसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने हस्तक्षेप किया और पुलिस ने आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को गिरफ्तार किया। इस साल 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया और उनसे एक हफ्ते में सरेंडर करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने इस मामले में कहा था कि पीड़ितों की इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में उचित और प्रभावी सुनवाई नहीं हुई। इस मामले में सबूत भी कम दिखाई दिए।

पढ़ें :- पोल से उल्टा लटकर कर युवक स्टंट कर बनवा रहा था रील, अचानक हुआ कुछ ऐसा कि उड़ गए सबके होश

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...