नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बाद शिव सेना (Shiv Sena) ने बीजेपी (BJP) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन को छोड़ कांग्रेस और एनसीपी (Congress and NCP) से गठजोड़ कर सरकार बना ली। उसका असर अब दूसरे राज्यों में भी नजर आ रहा है। यही वजह है कि महाराष्ट्र फॉर्मूले का जिक्र अब बिहार में भी शुरू हो गया है। बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और प्रदेश में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जेडीयू के बीच क्या गठबंधन की कोई संभावनाएं बन सकती हैं
‘बीजेपी को हराना है तो महाराष्ट्र फॉर्मूला अपनाना होगा’
राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन, इशारों-इशारों में आरजेटी और जेडीयू को फिर से साथ आने की बात जरूर कही है। उन्होंने कहा, ‘अगर महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी गैर-बीजेपी दल एक साथ आते हैं और महाराष्ट्र फॉर्मूला लागू होता है तो भारतीय जनता पार्टी हारेगी। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।’ उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि बिहार में बीजेपी को हराने के लिए महाराष्ट्र फॉर्मूला अपनाने से कामयाबी मिल सकती है।
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ आकर सरकार बनाने पर रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है, ‘अगर महाराष्ट्र की तर्ज पर बिहार में गैर-बीजेपी पार्टियां साथ आती हैं तो एनडीए की हार होगी। कोई और रास्तना बचा नहीं है। बिहार में बीजेपी को हराने के लिए आरजेडी और जेडीयू को साथ आना ही होगा।’
आपको बता दें कि लंबे समय से रघुवंश प्रसाद सिंह आजेडी और जेडीयू के साथ आने की वकालत करते रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार कभी भी पाला बदल सकते हैं। उन्होंने कहा था, ‘नीतीशजी को आप जानते हैं। वह निश्चित रूप से पाला बदलेंगे लेकिन कोई भी व्यक्ति इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि वह कब करेंगे या क्या करेंगे। इससे पहले भी कई बार यह हो चुका है। यह आश्चर्यजनक नहीं है।’